मुक्तक

मुक्तक
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कलम से क्रांति लाने का, तजुर्बा आप लाए थे।
कर प्रदर्शन बुद्धि कौशल का, पहचान पाए थे।
जरूरी यह नहीं कि जन्म, किस जाति में पाया।
लिखकर संविधान भारत का, दुनिया में छाए थे।।
~ राजकुमार पाल (राज) ✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)