कौन है ‘दुनिया’तेरा,जिसे जवाब देना है तुझे

कौन है ‘दुनिया’तेरा,जिसे जवाब देना है तुझे
किससे मांगी थी मोहलत,जो मियाद ख़त्म हो गई है तेरी।
हर सुबह को समझ नया जन्म है तेरा,हर रात एक संघर्ष ख़त्म हो गई है तेरी।
संघर्ष करता है वही जो जी रहा है यहां,हारा वही है जो दौड़ में शामिल ना हुआ।
महफ़िल सजा, की बातें करतें हैं लोग तेरे बारे में हर शख्स इस बात के काबिल नहीं हुआ।
कुछ जड़ें,जो ख्वाब देखतीं हैं तेरे दरख़्त बनने का,वक्त उनका भी आएगा तुझ पर घोंसला बनाने का।
शुरू किया है सफ़र आज तो,डर नहीं हौसलों से कर,वक्त तेरा भी आएगा अपना मुकाम बनाने का।