
गुलामी का आईना
Urmil Suman(श्री)

गुलामी का आईना
Urmil Suman(श्री)

स्त्री मन..
पूनम झा 'प्रथमा'

मंजिल
Santosh Shrivastava

है
Santosh Shrivastava

काल के आगे महाकाल
Dheerendra Panchal

कहानी
Santosh Shrivastava

कहीं कोई बात बिगड़ भी जाए,
Ajit Kumar "Karn"

तूफ़ान ने डराया
Santosh Shrivastava

रोग हानिकारक होत है !
Buddha Prakash

समझौता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'

कालरात्रि
Dr Archana Gupta

माता कालरात्रि करे, सबको भय से दूर
Dr Archana Gupta

"मां चंद्रघंटा"
Madhu Gupta "अपराजिता"

जीवन-जीवन होता है
Dr fauzia Naseem shad

मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी

जीवन को तू जीना सीखो
AMRESH KUMAR VERMA

ज़िन्दगी से हाँ कोई कम तो नहीं
Dr fauzia Naseem shad

मालूम है तुमको यह
gurudeenverma198

लहरों से उठती यादों का,कोई तो किनारा होगा ही।
Madhu Gupta "अपराजिता"

कागज़ कोरा ना रह जाए,
Madhu Gupta "अपराजिता"

"कल सुबह होगी मुलाकात"
Madhu Gupta "अपराजिता"

🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*

*केरल यात्रा*
Ravi Prakash

खुद को सदा सही मार्ग पे रखो,
Ajit Kumar "Karn"

हर बात हर किसी को कही नहीं जाती |
Kumar Saurabh

विषयों में रस है नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी

तेरी यादों से बचने को,
हिमांशु Kulshrestha

चौपालपुर का चौपाल (कहानी संघर्ष से बर्बादी की)
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती

*त्रिभंगी छंद* सममात्रिक
Godambari Negi

दर्द से निकली हुई दास्तान हैं हम,
Ajit Kumar "Karn"

*पढ़ते हैं जो मन लगा, बन जाते विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash

बड़ी कंजूस है ये मोहब्बत की दुनिया
Jitendra kumar

पहली मुहब्बत को कोई नहीं भुला सकता है।
Satyaveer vaishnav

नववर्ष
Satyaveer vaishnav

मां दुर्गा देती खुशियां अपार,
Satyaveer vaishnav

#लघु_व्यंग्य / #अप्रैल_फ़ूल
*प्रणय प्रभात*

..
*प्रणय प्रभात*

जीवन में बाधाएं होंगी
Suryakant Dwivedi

*सोलह वर्ष सेवा के*
AVINASH (Avi...) MEHRA

*यात्रा में सामान का, होता सारा खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash

हम बाहर से अनेक हैं और अंदर से एक, जो ये बात जान लिया, देख ल
Ravikesh Jha

कभी ठहर कर समझो जिंदगी को अपने की कितनी हलचल है दिल में आपके
Rj Anand Prajapati

..
*प्रणय प्रभात*

स्कंदमाता
Dr Archana Gupta

स्कंदमाता
Dr Archana Gupta

विदाई समारोह
Rj Anand Prajapati

क्षमता वह हैं जो आप करने में सक्षम हैं, प्रेरणा निर्धारित कर
ललकार भारद्वाज

तुम ही
महेश चन्द्र त्रिपाठी

दोहा
Raj kumar