हम बाहर से अनेक हैं और अंदर से एक, जो ये बात जान लिया, देख ल

हम बाहर से अनेक हैं और अंदर से एक, जो ये बात जान लिया, देख लिया, वह अनेक में भी एक रहेगा उस पर भीड़ हावी न होगा, वह हर जगह आनंदित रहेगा।
~ रविकेश झा
हम बाहर से अनेक हैं और अंदर से एक, जो ये बात जान लिया, देख लिया, वह अनेक में भी एक रहेगा उस पर भीड़ हावी न होगा, वह हर जगह आनंदित रहेगा।
~ रविकेश झा