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1 Apr 2025 · 1 min read

विषयों में रस है नहीं

विषयों में रस है नहीं
विषय सभी रसहीन ।
जो विषयों के रसिक हैं
उनकी बुद्धि मलीन ।।

अंधी हैं कर्मेंद्रियां
ज्ञानेन्द्रियां अपंग ।
हम दोनों को साधकर
वश में करें अनंग ।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

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