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15 Oct 2021 · 1 min read

जिनगी कइसन कटि तोहरे बिन

उड़ गेल जी क चैन अछि
प्रीतम मन रहल बेचैन अछि

जिनगी कइसन कटि तोहरे बिन
कटत नहि इ बिरहा रैन अछि

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