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1 Apr 2025 · 1 min read

तेरी यादों से बचने को,

तेरी यादों से बचने को,
कहां जाऊँ, किधर जाऊँ
भरी महफिल में भी खुद को,
मैं बस तन्हा ही पाऊँ
रख लूँ मशरूफ
कितना भी ख़ुद को ,
तुम्हारी कमी लगती है
जहां देखूं जिधर जाऊँ ,
तुम्हें देखूँ , तुम्हें पाऊँ
तुम ही बता दो
तुम्हारी यादों से कैसे
ख़ुद को अलग कर पाऊँ

हिमांशु Kulshrestha

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