खड़ा हुआ जाकर स्वर्ग के द्वार

खड़ा हुआ जाकर स्वर्ग के द्वार
फूलों की माला का पहनाया गया हार
बड़ी धूमधाम से हुआ स्वागत
भूला मैं तो आगत-अनागत
प्रवेश द्वार हुआ नवदा की तरह
आसन लगाया इन्द्र लोक
ग्रहण किया आसन राजतिलक लगाया
जैसे कि स्वर्गलोक का राजा बनाया।।