श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
सेल्फिश ब्लॉक
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
गर हो जाते कभी किसी घटना के शिकार,
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
नाचेगा चढ़ शीश पर, हर ओछा इंसान
नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
बुंदेली दोहे- ततइया (बर्र)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
इत्र जैसा बहुत महकता है ,