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4 May 2024 · 1 min read

नरभक्षी एवं उसका माँ-प्यार

वह देश का शाह बन गया है
शाह बनकर नए नए नाटक
करने लगा है
नाटक करने में उस्ताद बन गया है
जब प्रांत का वह शाह बना था
नरसंहार की अगुआई के बाद
कई कई बार शाहत्व धारण किया था
उसके मुंह शाहत्व का खून लग गया है
अपनी ब्याहता को बनवास देने वाला
माँ से कोसों दूर रहने वाला
नरभक्षण का इतिहास रचने वाला
प्यार प्रेम का देवता भी दिखना चाहता है
वह देश के भांड मीडिया का साथ लेकर
एक निश्छल मां को
किसी माँ को माँ राजनीति में मत घसीट
ध्यान रख यह कि यह माँ आज ही नहीं हुई है
कि केवल आपकी ही नहीं हुई है
माँ के आशीर्वादों की खेती मत कर
कोई भी माँ टाइम टाइम पर
आशीर्वाद-मना नहीं हो सकती
माँ का नेह सतत चलता है
पत्नी के प्रति भी कोई प्यार जता
माँ और पत्नी के साथ रह
छूछ-दुलार को साथ निभाना नहीं कहते!

Language: Hindi
110 Views
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