नये मुहावरे का चाँद
मुसाफ़िर बैठा
’साहित्यपीडिया’ की ’पोएट्री राइटिंग चैलेंज’ प्रतियोगिता के तहत संगृहीत ये कविताएं कवि की बहुजन, दलित और अंबेडकरवादी चेतना से लैस रचनाएं हैं। इससे पहले कवि के दो कविता संग्रह ’बीमार मानस का गेह’ और ’विभीषण का दुःख’ प्रकाशित हैं जो...