वन उपवन हरित खेत क्यारी में
सनम हर पल तुझी को ही लिखे शब्दों में पाया है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
पत्थर-ए-दिल को पिघला सके वो अश्क तो ले आओ,
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
करतीं पूजा नारियाँ, पावन छठ त्योहार
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,