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31 Oct 2024 · 1 min read

चंद शेर

चंद शेर

जो बात तुममें थी , वो किसी और में न थी
फिर भी,प्यार की ज़रूरत तुम्हें कोई कम न थी !

वक़्त लगता है बादल को बनने में
वक़्त लगता है प्यार पनपने में।

ये कोलाहल , जो मर्यादाएं तोड़ निकला है
सम्भालो इसे , जो विवेक तोड़ निकला है !

गली गली आवारा घुमते हैं
हमारा तुम्हारा आईना बने फिरते हैं।

शशि महाजन

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