surenderpal vaidya 581 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 6 Apr 2025 · 1 min read ** गीतिका ** ** गीतिका ** ~~ खिले अनेक पुष्प डाल डाल मुस्कुरा रही। सुगंध से सभी दिशा निखार खूब पा रही। हुई सुभोर रक्तवर्ण झूमती कली कली। महान शुभ्र स्नेहपूर्ण भावना जगा... Hindi · Quote Writer · गीतिका · पंच चामर छंद 1 1 7 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2025 · 1 min read खूब भलाई कीजिए कुण्डलिया ~~~~ खूब भलाई कीजिए, जीवन में हर बार। और दीजिए हर जगह, सेवा का उपहार। सेवा का उपहार, सनातन धर्म यही है। ऋषि मुनियों ने बात, हमेशा सत्य कहीं... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 1 1 27 Share surenderpal vaidya 18 Mar 2025 · 1 min read गीतिका गीतिका ~~~~ मिट जाती हैं दूरियां, आ जाते जब पास। और पनप जाता सहज, आपस में विश्वास। दृश्य निखर उठते सभी, मिट जाती है धुंध। फूल खिला करते सदा, जब... Hindi · Quote Writer · गीतिका · दोहा छंद · मधुमास 1 1 30 Share surenderpal vaidya 17 Mar 2025 · 1 min read जब महकी है जब महकी है ~~~~~~~~ जब महकी है हर ओर धरा। प्रिय मन में है अब स्नेह भरा। हर पल देखो मन चंचल है। चल पड़ता राह सुमंगल है। ~~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल... Hindi · Quote Writer · नभ छंद · पिंगल सूत्र- न य स स 1 1 24 Share surenderpal vaidya 16 Mar 2025 · 1 min read स्नेह बढ़ाएं गीतिका ~~~~ छोड़ें सोच विचार, सभी से स्नेह बढ़ाएं। तजकर टाल मटोल, सामने नज़र मिलाएं। समाधान हो शीघ्र, सभी शंकाओं का जब। खूब बढ़ेगा प्यार, सभी अवरोध हटाएं। खिली खिली... Hindi · गीतिका · फागुन · रोला छंद 1 1 27 Share surenderpal vaidya 15 Mar 2025 · 1 min read जोगीरा जोगीरा ~~~~~~~~~~~~~~~~ सुन्दर प्रिय साथी मिल जाए, खूब लगाना रंग। और नहीं रुक जाना बिल्कुल, कदम बढ़ाना संग। जोगीरा सारारारा रा जोगीरा सारारारा रा ~~~~~~~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य Hindi · Quote Writer · जोगीरा · सरसी छंद 1 1 28 Share surenderpal vaidya 15 Mar 2025 · 1 min read कुण्डलिया कुण्डलिया ~~ होली की महिमा बड़ी, खूब लीजिए जान। पुत जाते मुखड़े सभी, बढ़ जाती पहचान। बढ़ जाती पहचान, सभी हैं रंग लगाते। और सभी के बीच, सहज हो घुल-मिल... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया · होली 1 1 30 Share surenderpal vaidya 15 Mar 2025 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** ~~~~~~~~~~~~~~~~ रंगों की महिमा अपार है, सबके मन को हर लेती है। सहज भाव से ही यह सब में, भाव स्नेह के भर लेती है। आ जाता... Quote Writer · चौपाई छंद · होली 1 1 32 Share surenderpal vaidya 10 Mar 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~~~~~~~~~~~ खिलते नव पुष्प सभी मन को हरते। मन में मधु की प्रिय रंगत हैं भरते। प्रिय हैं लगते जब महके छोर सभी। नव फागुन का गुणगान किया करते।... Quote Writer 1 1 32 Share surenderpal vaidya 7 Mar 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~~~~~~~~~~~~~ स्वप्न में प्रिय स्थान हमको खूब मन भाता कहीं है। और मरुस्थल में नदी भी खूब छलकाता कहीं है। कल्पना में दृश्य लगते हैं भले सुन्दर बहुत ही... Quote Writer 1 1 31 Share surenderpal vaidya 7 Mar 2025 · 1 min read स्वीकार करना है गीतिका ~~~~ समय की हर चुनौती को हमें स्वीकार करना है। स्वयं को हर परीक्षा के लिए तैयार करना है। नहीं कोई यहां दुविधा खुले मन से बढ़ें आगे। सभी... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 33 Share surenderpal vaidya 25 Feb 2025 · 1 min read सुभोर सुभोर ~~~~ बहुत मधुर हो रही सुभोर। चितवन प्रिय ले रहा हिलोर। पथ पर खिलते रहे प्रसून। हरपल बढ़ता रहा जुनून। ~~~~~~~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य Quote Writer · छंद निवास (ननरज) 32 Share surenderpal vaidya 16 Feb 2025 · 1 min read फासले कम करो गीतिका ~~~~ फासले कम करो पास आओ अभी। स्नेह का गीत प्रिय गुनगुनाओ अभी। भूल कर बात कल की निराशाजनक। दो कदम साहसी बन बढ़ाओ अभी। यह तमस भी स्वयं... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 35 Share surenderpal vaidya 14 Feb 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~ गौरैया चहक रही देखो, लगती है सबको भली। नन्हें पंखों को फैलाती, ज्यों खिलती सुन्दर कली। दाना चुगती फुदक फुदक कर, कहां उसे आराम है। सबके मन को... Quote Writer 1 1 31 Share surenderpal vaidya 14 Feb 2025 · 1 min read गौरैया कुण्डलिया ~~~~ गौरैया का चहकना, खूब मचाना शोर। नित्य हुआ करता स्वयं, होती ज्यों ही भोर। होती ज्यों ही भोर, सभी को लगती प्रियकर। खुल जाती है नींद, छूट जाता... Hindi · कुण्डलिया · गौरैया 1 1 42 Share surenderpal vaidya 8 Feb 2025 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** ~~~~ शिव अर्चन का पर्व, महान शिवरात्रि अवसर। सभी करें उपवास, रहें पूजन को तत्पर। खूब भरें भंडार, सभी के धन वैभव से। मनोकामना पूर्ण, किया करते... Quote Writer 1 1 58 Share surenderpal vaidya 8 Feb 2025 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** ~~~~ सावधान रहना हमें, सभी जगह हर बार। पथ प्रशस्त होगा तभी, नहीं मिलेगी हार। सबको अपना मानकर, बढ़ना है अविराम। और मुश्किलों से सहज, पा लेना... Quote Writer 1 1 52 Share surenderpal vaidya 8 Feb 2025 · 1 min read * मुक्तक * * मुक्तक * ~~ है भव्य कुंभ मेला प्रभु भक्ति भावना का। नित स्नान ध्यान अर्चन सर्वार्थ कामना का। संगम प्रयाग स्थल पर श्रद्धा सुमन समर्पण। करते सभी सनातन शुभ... Quote Writer 1 1 57 Share surenderpal vaidya 20 Jan 2025 · 1 min read लेकर आस गीतिका ~~~~ जीवन तो चलता रहता है, हर हालत में लेकर आस। बहुत सताती है मानव को, कभी भूख और कभी प्यास। मुश्किल के पल भारी पड़ते, जब भी बढ़... Hindi · आल्ह छंद · गीतिका 1 47 Share surenderpal vaidya 11 Jan 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~ मौसम खिला खिला सा अब आ रहा सुहाना। मन चाहता मधुर सा प्रिय गीत गुनगुनाना। जब राशि सूर्य बदले संक्रांति का समय है। यह पर्व खूब पावन मिलकर... Quote Writer · दिग्पाल मृदुगति छंद 1 43 Share surenderpal vaidya 9 Jan 2025 · 1 min read दीपक एक जलाना है मुक्तक ~~~~ तमस स्वयं ही मिट जाएगा, दीपक एक जलाना है। मंजिल कदमों में आएगी, आगे कदम बढ़ाना है। हिम्मत से बस चलते जाना, हमको कहीं नहीं रुकना। जो भी... Hindi · मुक्तक · लावणी /ताटंक छंद 1 76 Share surenderpal vaidya 9 Jan 2025 · 1 min read छलकता नहीं है गीतिका ~~~~ गरजता बहुत घन बरसता नहीं है। कलश है भरा तो छलकता नहीं है। बहुत कोशिशें की बताओ करें क्या, मगर मन कहीं आज लगता नहीं है। लिए जा... Hindi · गीतिका · वाचिक भुजंगप्रयात छंद 1 1 43 Share surenderpal vaidya 9 Jan 2025 · 1 min read कोंपल गीतिका ~~~~ ठूंठ से कोंपल निकलती जा रही। बन यशस्वी खूब बढ़ती जा रही। हार को झुठला रही है शान से। है बहुत जीवंत दिखती जा रही। देखता जो भी... Hindi · आनंदवर्धक छंद · गीतिका 1 1 53 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read हर मन प्यार कुण्डलिया ~~~~ कटुता सारी भूलकर, छलके हर मन प्यार। पुण्य धरा पर सावनी, बरसे ज्यों जलधार। बरसे ज्यों जलधार, धुले सारी कड़वाहट। जीवन में हर ओर, स्नेह के छलक उठे... Hindi · कुण्डलिया · प्यार 2 1 102 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read भाग्य कुण्डलिया ~~~~ आते भाग्य लिए दुनिया में, हम सब अपने साथ। लेकिन फिर भी बहुत कुछ, होता अपने हाथ। होता अपने हाथ, कर्म पथ को अपनाएं। साथ लिए प्रारब्ध, नित्य... Hindi · कुण्डलिया · भाग्य प्रारब्ध भवितव्य 1 1 190 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read चतुष्पदी चतुष्पदी ~~~~~ नभ पर घन छाए हैं देखिए। मनहर पल आए हैं देखिए। रिमझिम मन भाती हैं बारिशें। कुदरत सरसाती हैं बारिशें। ~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य Quote Writer · ललित छंद ( न न म र) 1 104 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read व्यर्थ में गीतिका ~~~~ व्यर्थ में ही नहीं रूठ जाया करो। और कुछ बात मन की सुनाया करो। जब कभी चाह मन में मिलन की जगे। शीघ्र अपने कदम तुम बढ़ाया करो।... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 72 Share surenderpal vaidya 5 Jan 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~~~ जिन्दगी जब मचलती किसी चाह में। जा सका कौन इसकी गहन थाह में। खत्म होती कभी भी नहीं कोशिशें। व्यक्ति सब कुछ लुटाता है उत्साह में। ~~~~ राह... Quote Writer 163 Share surenderpal vaidya 5 Jan 2025 · 1 min read क्यों नहीं गीतिका ~~ क्यों हमें इस तरह तुम भुलाती रही। रात-दिन आपकी याद आती रही। छा रही है बहुत आज खामोशियां, बेवजह दिल हमारा दुखाती रही। चाहतें हैं मगर पूर्ण होती... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 85 Share surenderpal vaidya 2 Jan 2025 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** ~~ समय गुजरता जाता, हम अभिनन्दन कर लें। स्नेह से भरी दिल की, अपनी धड़कन कर लें। सबके साथ बिताए, पल भी याद रखें हम। खूब भरा... Quote Writer 1 1 93 Share surenderpal vaidya 1 Jan 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~~~~~~~~ लक्ष्य हमें करना है हासिल, करना है प्रस्थान। समय तो कभी रुकता नहीं, है हमको यह ज्ञान। साथ साथ हम कदम बढ़ाएं, चलें समय के साथ। साथ साथ... Quote Writer 1 1 87 Share surenderpal vaidya 31 Dec 2024 · 1 min read कुण्डलिया कुण्डलिया ~~ मन को हर लेते सहज, लिए बहुत वैशिष्ट्य। कुदरत में सुन्दर कभी, बन जाते जब दृश्य। बन जाते जब दृश्य, देखते रह जाते हम। जल प्रपात के रूप,... Quote Writer · कुण्डलिया 174 Share surenderpal vaidya 30 Dec 2024 · 1 min read चतुष्पदी चतुष्पदी ~~~~~~~~~~~~~~~~~ हर जगह बसंत, है छा रहा। प्रिय मधुर खुमार, है ला रहा। सुबह समय धूप, है आ रही। पवन मृदु सुगंध, फैला रही। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल वैद्य Quote Writer · न न र र (८-४) · मंदाकिनी छंद 1 1 131 Share surenderpal vaidya 28 Dec 2024 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** लक्ष्य हमें करना है हासिल, करना है प्रस्थान। समय तो कभी रुकता नहीं, है हमको यह ज्ञान। साथ साथ हम कदम बढ़ाएं, चलें समय के साथ। साथ... Quote Writer 1 1 143 Share surenderpal vaidya 27 Dec 2024 · 1 min read ** मुक्तक ** ** मुक्तक ** पारा गिरकर शून्य की, ओर आ रहा नित्य। हर तरफ बढ़ रहा, सर्दी का अधिपत्य। हिम आच्छादित हो रहे, ऊंचे पर्वत श्रृंग। श्वेत धुंध से झांकता, भोर... Quote Writer 1 1 131 Share surenderpal vaidya 24 Dec 2024 · 1 min read बेटी का सम्मान कुण्डलिया ~~~~ खूब करें हम हर जगह, बेटी का सम्मान। और करें पूरे सभी, जीवन के अरमान। जीवन के अरमान, बढ़ रही बिटिया आगे। सभी क्षेत्र में खूब, भाग्य उसके... Hindi · कुण्डलिया · बेटी · हिन्दी भाषा 1 118 Share surenderpal vaidya 22 Dec 2024 · 1 min read अकेली रही जिन्दगी गीतिका ~~~~ स्वप्न देखे मगर साथ मिलता नहीं, आज फिर क्यों अकेली रही जिन्दगी। मुस्कुराती रही देख कर हाल अब, थी कभी खूब खेली रही जिन्दगी। चाहते हैं सभी फूल... गीतिका · छंद गंगोदक वाचिक 1 1 89 Share surenderpal vaidya 22 Dec 2024 · 1 min read उधेड़-बुन मुक्तक ~~~~ मन में सदा उधेड़-बुन , चलती है अविराम। इसके बिन किसका यहां, हो पाता कुछ काम। यही निभाता हर जगह, जीवन भर का साथ। बिन इसके संभव नहीं,... Hindi · उधेड़-बुन · दोहा मुक्तक · मुक्तक 1 1 97 Share surenderpal vaidya 17 Dec 2024 · 1 min read राष्ट्र भक्ति कुण्डलिया ~~~~ हर मन में हो प्रज्वलित, राष्ट्र भक्ति की आग। स्वार्थ भावना से रहित, जन जीवन बेदाग। जन जीवन बेदाग, धर्म हित भाव गहन हो। मातृभूमि पर कष्ट, कभी... Hindi · कुण्डलिया · राष्ट्रभक्ति 1 1 108 Share surenderpal vaidya 15 Dec 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~~~ अब हम बुरा-भला पहचानें सही यही है। कुछ भी बिना विचारे कर लें गलत वही है। अब धार वक्त की देखें फिर तनिक विचारें। बातें कभी किसी ने... Hindi · दिग्पाल मृदुगति छंद · भला-बुरा · मुक्तक 1 1 98 Share surenderpal vaidya 12 Dec 2024 · 1 min read स्नेह मधुरस मुक्तक- १ ~~~~ छोड़ कड़वाहट मिलाएं स्नेह मधुरस जिन्दगी में। हो नहीं नीरस कभी आनंद हो बस जिन्दगी में। खिल उठे बस चांदनी हर ओर आभामय हमेशा। आ नहीं पाए... Hindi · माधव मालती छंद · मुक्तक 1 1 114 Share surenderpal vaidya 11 Dec 2024 · 1 min read शीत ऋतु कुण्डलिया ~~~~ बढ़ा जा रहा शीत का, देखो खूब प्रभाव। चिन्ता में हैं जन सभी, कैसे करें बचाव। कैसे करें बचाव, दुबक कर बैठे घर में। कठिन हो रहा नित्य,... Hindi · कुण्डलिया · सर्द ऋतु 1 1 110 Share surenderpal vaidya 11 Dec 2024 · 1 min read संगीत गीतिका ~~~~ बरसे ज्यों आनंद घन, ऐसा है संगीत। बन जाता है जब कभी, मन का सच्चा मीत। साज अनेकों संग हैं, ढोलक और मृदंग। आदि काल से चल रही,... Hindi · गीतिका · दोहा गीतिका · संगीत 1 1 138 Share surenderpal vaidya 8 Dec 2024 · 1 min read इस धरा को गीतिका ~~~ इस धरा को प्यार करना हैं हमें। हर हृदय यह भाव भरना है हमें। हर तरह यह स्वच्छ निर्मल ही रहे। आचरण में धैर्य धरना है हमें। देखिए... आनन्दवर्धक छंद · गीतिका 1 1 103 Share surenderpal vaidya 7 Dec 2024 · 1 min read चाहत गीतिका ~~~~ हृदय में है बहुत चाहत तुम्हें अपना बनाऊं मैं। हमेशा स्नेह से भरपूर लम्हों को बिताऊं मैं। न मन में बात आए अब कभी भी दूर जाने की।... Hindi · गीतिका · विधाता छन्द 1 1 100 Share surenderpal vaidya 7 Dec 2024 · 1 min read फटा-फट सभी मुक्तक ~~~ फटा-फट सभी कार्य होते रहे हैं। नहीं लोग जो व्यर्थ सोते रहे हैं। स्वयं ही सभी कुछ समय पर निपटता। कहीं कुछ नहीं व्यर्थ खोते रहे हैं। ~~~... Hindi · भुजंगप्रयात छंद · मुक्तक 1 1 243 Share surenderpal vaidya 6 Dec 2024 · 1 min read बुनते रहे हैं गीतिका ~~~~ नये से स्वप्न हम बुनते रहे हैं। बहाने क्यों मगर सुनते रहे हैं। नहीं है मानता मन देखिए अब। महकते पुष्प प्रिय चुनते रहे हैं। नहीं है स्वार्थ... Hindi · गीतिका · सुमेरु छंद 2 1 103 Share surenderpal vaidya 5 Dec 2024 · 1 min read झुक नहीं सकती गीतिका ~~~ बन सघन घन हर दिशा में छा रही है देखिए। नील नभ को भी झुकाती जा रही है देखिए। हर चुनौती को सहज स्वीकार कर लेती स्वयं। और... Hindi · गीतिका · गीतिका छंद · नारी शक्ति 2 2 90 Share surenderpal vaidya 3 Dec 2024 · 1 min read अंगूठी अनमोल कुण्डलिया ~~~ गहनों में लगती बहुत, अंगूठी अनमोल। रत्न जटित होती कभी, लेकिन होती गोल। लेकिन होती गोल, शौक से सभी पहनते। शादी की शुभ रस्म, पूर्ण है इसके चलते।... Hindi · कुण्डलिया 1 1 78 Share surenderpal vaidya 2 Dec 2024 · 1 min read आओ पास पास बैठें मुक्तक ~~~ आओ पास पास बैठें हम, कुछ बातें कर लें। इसी तरह आपस में पसरा, खालीपन भर लें। छोड़ सभी बीती बातों को, सोच रखें नूतन। स्वयं बढ़ाएं दो... Hindi · छंद विष्णुपद · मुक्तक 1 1 123 Share Page 1 Next