** मुक्तक **

** मुक्तक **
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सावधान रहना हमें, सभी जगह हर बार।
पथ प्रशस्त होगा तभी, नहीं मिलेगी हार।
सबको अपना मानकर, बढ़ना है अविराम।
और मुश्किलों से सहज, पा लेना है पार।
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पावन नदियों में करें, भक्ति भाव से स्नान।
साथ करें प्रभु अर्चना, सच्चे मन से ध्यान।
स्वच्छ रहे अपनी धरा, करें इसी हित कार्य।
सत्य सनातन धर्म का, होगा तब उत्थान।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य