** मुक्तक **

** मुक्तक **
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रंगों की महिमा अपार है, सबके मन को हर लेती है।
सहज भाव से ही यह सब में, भाव स्नेह के भर लेती है।
आ जाता है जब भी फागुन, होली का प्रिय त्योहार लिए।
सखियां सब आपस में मिलकर, मस्ती पूरी कर लेती है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य