मुक्तक
मुक्तक
~~
मौसम खिला खिला सा अब आ रहा सुहाना।
मन चाहता मधुर सा प्रिय गीत गुनगुनाना।
जब राशि सूर्य बदले संक्रांति का समय है।
यह पर्व खूब पावन मिलकर हमें मनाना।
~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य
मुक्तक
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मौसम खिला खिला सा अब आ रहा सुहाना।
मन चाहता मधुर सा प्रिय गीत गुनगुनाना।
जब राशि सूर्य बदले संक्रांति का समय है।
यह पर्व खूब पावन मिलकर हमें मनाना।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य