
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त, महावीर, महाज्ञ
ललकार भारद्वाज

दोहा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

दोहा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

हिम्मत न हारना
Dheerja Sharma

हनुमानजी जन्म उत्सव की मंगल कामनाएं
जगदीश लववंशी

Seeking
Shashi Mahajan

#मंगलकांनाएँ
*प्रणय प्रभात*

*सात्विक चेतना की धनी श्रीमती पुष्पलता कपूर : शत-शत नमन*
Ravi Prakash

मुझ पर अपनी बात न थोपो
Surinder blackpen

#जन्मोत्सव
*प्रणय प्रभात*

नर्म लहज़े का कहीं खेल तुम्हारा ही न हो
sushil yadav

दिव्य एवं भव्य श्री हनुमान जन्मोत्सव रंगई धाम विदिशा २०२५
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

मिथिला क' चार्वाक दर्शन
मनोज कर्ण

हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई
Dr Archana Gupta

दोहा
Raj kumar

मनोकामना पूर्ण सिद्ध हनुमान मंदिर दादाजी धाम रंगई विदिशा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

मनोकामना पूर्ण सिद्ध हनुमान मंदिर दादाजी धाम रंगई विदिशा श्री हनुमान जन्मोत्सव २०२५
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

नई किताबों की खुशबू से, महक गया है पूरा घर
Dr Archana Gupta

रिश्तों की बाजार में, अर्थ बना भगवान।
संजय निराला

/•• शिव-शम्भू ••/
Chunnu Lal Gupta

यमराज और मैं: गुरु चेला
Sudhir srivastava

/•• बस एक प्रश्न ••/
Chunnu Lal Gupta

आप मेरे शुभचिंतक हैं
Sudhir srivastava

/•• हे,राम सुनो ••/
Chunnu Lal Gupta

दोहा
Sudhir srivastava

अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

सिनेमा को नई दिशा देता हरियाणा सिने फाउंडेशन
सुशील कुमार 'नवीन'

विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

जिंदा हूं कि जिंदा नही भी हूं ।
Shubham Anand Manmeet

भक्त शिरोमणि आप हो,
विवेक दुबे "निश्चल"

Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

पागल सब है स्वाद में, कैसे देते साथ।
संजय निराला

।।
*प्रणय प्रभात*

वाक्य-वाक्य में नीति और नित मानवता सिखलाने वाले,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'

अपूर्ण
Kalamkash

آپس میں نفرتوں کا ویسا ہی سلسلہ ہے
Dr fauzia Naseem shad

हर किसी का इंतज़ार नहीं होता
हिमांशु Kulshrestha

#हिंदी_ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*

हमारे हर कार्य के परिणाम का मूल कारण हमारा माइंडसेट है, हमार
Ragini Kumari

अच्छा दिखना, अच्छा बनना और अच्छा होने में बहुत फर्क है, कोशि
Ragini Kumari

हिचकियाँ
Ram Krishan Rastogi

बहुत कड़वाहट है फिर भी मोहब्बत आज भी बरकरार है।
Madhu Gupta "अपराजिता"

Yo88
Cổng game Yo88

चलो ,
Santosh Shrivastava

यों, तो ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर
sushil sarna

महारुद्र प्रकट हुए, बनकर श्री हनुमान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

मुद्दतों से रुलाया है मुझे अब तुझको रोना है,
raijyoti47.

ज्योतिबा फुले का नाम तब तक रहेगा
gurudeenverma198