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फिज़ा बदल गई
फिज़ा बदल गई
Ram Krishan Rastogi
मैं मरूँगा किसी शहर और काल में नहीं-
मैं मरूँगा किसी शहर और काल में नहीं-
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
Ajit Kumar "Karn"
तुम्हीं  से आरम्भ तो  तुम्हीं पे है  खत्म होती  मेरी कहानी
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
Dr Archana Gupta
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
Dr Archana Gupta
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
चाय का गहरा नाता होता है सबसे
चाय का गहरा नाता होता है सबसे
Rekha khichi
आलोचना के स्वर
आलोचना के स्वर
Ashok Kumar Raktale
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
gurudeenverma198
..
..
*प्रणय*
हम तुम एक डाल के पंछी ~ शंकरलाल द्विवेदी
हम तुम एक डाल के पंछी ~ शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
वैसे नहीं है तू, जैसा तू मुझे दिखाती है,
वैसे नहीं है तू, जैसा तू मुझे दिखाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*टूटे जब दो दॉंत एक दिन, गुड़िया रानी रोई (बाल कविता)*
*टूटे जब दो दॉंत एक दिन, गुड़िया रानी रोई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"वो दौर गया साहब, जब एक चावल टटोल कर पूरी हांडी के चावलों की
*प्रणय*
ख्यालों में यूं ही खो जाते हैं
ख्यालों में यूं ही खो जाते हैं
Shashi kala vyas
चले बिना पाँव झूठ कितना,
चले बिना पाँव झूठ कितना,
Dr Archana Gupta
चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
चले बिना पाँव झूठ कितना,ये बात हम सबको ही पता है
Dr Archana Gupta
बड़ा अजीब सा
बड़ा अजीब सा
हिमांशु Kulshrestha
दोहा पंचक. . . . . हार
दोहा पंचक. . . . . हार
sushil sarna
संविधान दिवस
संविधान दिवस
जय लगन कुमार हैप्पी
🙅वंदना समर्थ की🙅
🙅वंदना समर्थ की🙅
*प्रणय*
*संविधान-दिवस 26 नवंबर (कुंडलिया)*
*संविधान-दिवस 26 नवंबर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" तारे "
Dr. Kishan tandon kranti
!मुझको इतना भी न सता ऐ जिंदगी!
!मुझको इतना भी न सता ऐ जिंदगी!
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
*प्यारे चमचे चाहिए, नेताजी को चार (हास्य कुंडलिया)*
*प्यारे चमचे चाहिए, नेताजी को चार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🙅आप ही बताएं🙅
🙅आप ही बताएं🙅
*प्रणय*
🙅सुप्रभातम🙅
🙅सुप्रभातम🙅
*प्रणय*
मनुष्य को विवेकशील प्राणी माना गया है,बावजूद इसके सभी दुर्गु
मनुष्य को विवेकशील प्राणी माना गया है,बावजूद इसके सभी दुर्गु
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
लिखने के लिए ज़रूरी था
लिखने के लिए ज़रूरी था
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Sometimes we say sorry because we deserve peace of mind and
Sometimes we say sorry because we deserve peace of mind and
PANKAJ KUMAR TOMAR
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
सच्चा ज्ञानी व्यक्ति वह है जो हमें अपने भीतर पहुंचने में मदद
Ravikesh Jha
इंतज़ार की मियाद क्यों नहीं होती
इंतज़ार की मियाद क्यों नहीं होती
Chitra Bisht
वक्त और शौर्य
वक्त और शौर्य
manorath maharaj
तुम्हारे इश्क़ में इस कदर खोई,
तुम्हारे इश्क़ में इस कदर खोई,
लक्ष्मी सिंह
है नयन में आस प्यासी।
है नयन में आस प्यासी।
लक्ष्मी सिंह
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तुम लौट तो आये,
तुम लौट तो आये,
लक्ष्मी सिंह
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
लक्ष्मी सिंह
स्त्रियों को महज उपभोग और संभोग के दृष्टि से देखने वाले लोग
स्त्रियों को महज उपभोग और संभोग के दृष्टि से देखने वाले लोग
Rj Anand Prajapati
६ दोहे
६ दोहे
अरविन्द व्यास
इंसान भी कितना मूर्ख है कि अपने कर्मों का फल भोगता हुआ दुख औ
इंसान भी कितना मूर्ख है कि अपने कर्मों का फल भोगता हुआ दुख औ
PANKAJ KUMAR TOMAR
మాయా లోకం
మాయా లోకం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
क्षितिज पर उदित एक सहर तक, पाँवों को लेकर जाना है,
क्षितिज पर उदित एक सहर तक, पाँवों को लेकर जाना है,
Manisha Manjari
चुप
चुप
Rajeev Dutta
Silent
Silent
Rajeev Dutta
एहसासे-दिल की है शिद्दत ही शायद,
एहसासे-दिल की है शिद्दत ही शायद,
Dr fauzia Naseem shad
उसकी मर्ज़ी का खेल सारा था
उसकी मर्ज़ी का खेल सारा था
Dr fauzia Naseem shad
रावण जी होना चाहता हूं / मुसाफिर बैठा
रावण जी होना चाहता हूं / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Sex is not love, going on a date is not love
Sex is not love, going on a date is not love
पूर्वार्थ
गर्दिशें वक़्त पर ही होती है
गर्दिशें वक़्त पर ही होती है
Dr fauzia Naseem shad
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