महारुद्र प्रकट हुए, बनकर श्री हनुमान

महारुद्र प्रकट हुए, बनकर श्री हनुमान
राम काज कर से करें,मुख से राम को गान
दुर्जन को महाकाल हैं, सज्जन को सुख धाम
करते दुर्गम को सुगम,अखिल लोक विश्राम
ज्ञान भक्ति और कर्म के,दाता हैं हनुमान
आरत की रक्षा करें, कष्ट हरें हनुमान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी