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28 Feb 2024 · 1 min read

आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व

आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्वर में गीत गाने लगती है वहीं पर पतझड़ आने पर उसे छोड़कर चली जाती है।
यानी की इससे सिद्ध होता है कि सभी लोग केवल अपने स्वार्थ के सिद्ध करने में लगे हुए है।
RJ Anand Prajapati

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