Posts Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15k posts List Grid Previous Page 2 Next Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सब कुछ मिले संभव नहीं समेटो जितना भी,कोई हिस्सा छूट जाता है यादों के सफ़र में, कोई क़िस्सा छूट जाता है बड़ी हसरतों से, ये घर बनाये जाते हैं बसते बसाते, कोई कौना छूट जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कौना सिमैटना राजीव अधूरा · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read छिपे दुश्मन आइने के पीछे , छिपे हुए साये कुछ हैं मेरे बारे में रहते बतलाते इंसान कुछ हैं सब इनको पता है मेरे दिमाग़ का खोज ही लिया है ठिकाना, मकान... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · दहशत जासूस तिलिस्म जाल 18 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read बदलाव बारिश इस बार बरसती है खार सी तल्ख़ी इसकी भी बड़ गई इंसान सी हम भी नहाते थे तो तुम भी नहाए पानी में तब ख़लिश न थी इस बार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · तिजारत ईमान राजीव व्यापार 20 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी का फ़लसफ़ा वक़्त आया तो मोहलत न मिल पानी है जो गुज़रता जा रहा है वक़्त बेमानी है शहंशाह ग़रीब सबको एक राह जानी है माटी से बनी तेरी हस्ती माटी बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 19 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read आशियाना मेरे वीरान जीवन में उजाला बनके आये थे कभी वो दिन भी थे दिल में बस तुम ही समाये थे मगर सब ख्वाब टूटे और चकनाचूर हो बैठे जो मिलके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read दीदार यादो के सहारे जीवन मेरा पल पल बीता जाये तेरे दीद को तरसे अखियाँ मेरी पर तुम ना कभी फिर आये मेरी खता थी क्या मुझे पता नहीं तुम आके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 19 Share Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya) 21 May 2024 · 1 min read नशा त्याग दो बीड़ी बंडल पुडिया सिगरेट, छोड़ो मेरे भाई. रहो निरोगी बीमारी से, न घर में होये लड़ाई.. सुरा सुंदरी मदिरा लोभ, दरिद्रता के द्वार. भूखे नंगे लड़का घूमत, ऐसे जीवन को... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 32 Share Dr. Akhilesh Baghel "Akhil" 21 May 2024 · 1 min read शक यारो हमें तो, शक पर ही शक हो गया । हकीकत की तहकीकात पर, शक हो गया । करते थे जिससे शिकायत, शक का वही आधार हो गया । करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read अधूरा इश्क़ आज मुझे वो याद आयी आँख मेरी फिर भर आई मुझे लगा के उसने छुआ पर यादो की थी परछाई आज मुझे.... एक मुद्दत बीत गया उसको जब उसने मुझको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 16 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read जुदाई होंठो पे लिए मुस्कान तुम्हारा दर्द छुपाये बैठा हूँ आश भले झूठी हो पर मै आश लगाए बैठा हूँ होंठो पे लिए--------- कोई हाल जो मेरा पूछे तो हाल बताता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 27 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read बेवफ़ाई दो चार क़दम चलते है यहाँ, फिर राहों में खो जाते है कहते हैं हम अपना जिसको, अक्सर वो दगा दे जाते है दो चार क़दम चलते यहाँ———————– हम जिसके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 21 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read फिकर भुला दिया है जो तूने तो कुछ मलाल नहीं कई दिनों से मुझे भी, तेरा ख़याल नहीं भुला दिया है जो तूने ———— तेरी थी मर्ज़ी, कोई बात कोई ज़िक्र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 20 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read अफ़सोस रहता था बेचैन बहुत कई रातो को मै न सोया था तेरी शादी की उस रात को मै छुप छुप के बहुत ही रोया था रहता था बेचैन बहुत ----... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read दिल का दर्द वो मंज़र कैसा होगा जब हाँथ मेरा वो छोड़ेंगे वर्षो के नाते पल भर में जब वो मुझसे तोड़ेंगे वो मंज़र कैसा होगा ——— सपनो को संजोये जीवनभर उम्मीद लगाए... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 21 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read तन्हायी तुम्हें जब कभी हम दिखायी ना दे तो समझ लेना किस्सा ख़तम हो गया है कभी जब गली तेरी सूनी लगे तो समझ लेना सूना चमन हो गया है कभी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 21 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read आख़िरी ख़्वाहिश चले आओ मेरे हमदम अभी तो आस बाक़ी है करो न देर थोड़ा भी की बस कुछ साँस बाक़ी है चले आओ मेरे ---- गुज़रते वक्त के संग में गुज़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 18 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read यादें अस्को के बहते धारे कहते है ज़ख्म सारे ग़म ए दरिया सामने है दिखते नहीं किनारे अश्को के बहते ... सब कुछ लुटा हमारा आँखों के सामने आगे न आया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 27 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read कसक जिस पल तुम मुझसे बिछड़ोगी वह छण अंतिम मेरा होगा कोई और जगह मै क्यों खोजू बस कब्र ही घर मेरा होगा जिस पल तुम----- मेरी आस की डोर बंधी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share भरत कुमार सोलंकी 20 May 2024 · 1 min read मै बेरोजगारी पर सवार हु विसय. बेरोजगारी पर सवार विधा. मुक्तक दिनांक. २०:५:२०२४ 212 212. 212. 22 जिन्दगी का एक पल अब हावि हैं". बन्दगी की सादगी आजादी है ! बरस कई बीत गये यही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 21 Share Neeraj Mishra " नीर " 20 May 2024 · 1 min read खामोस है जमीं खामोस आसमां , खामोस है जमीं खामोस आसमां , दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ | खामोस है जमीं खामोस आसमां खामोस है जमीं खामोस आसमां खुद को खुद में ढूढते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 19 Share Neeraj Mishra " नीर " 20 May 2024 · 1 min read वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे मैं अस्क पे अस्क बहता रहा , वो मेरे अस्कों में आशिया बनाते रहे मैं जख्म पे जख्म खाता रहा , वो मेरे जख्मों में नमक लगाते रहे , मैं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · नज़्म 1 25 Share भरत कुमार सोलंकी 20 May 2024 · 1 min read मेरा वजूद क्या " मेरा वजूद क्या है ?" बचपन में मैं मां मांकी गोद में पलकर , बिन चाहत के उतरा खिलौनो को देखकर अपनो के लाड़ में पलकर , आदत से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share भरत कुमार सोलंकी 20 May 2024 · 1 min read मेरा वजूद क्या है " मेरा वजूद क्या है ?" बचपन में मैं मां मांकी गोद में पलकर , बिन चाहत के उतरा खिलौनो को देखकर अपनो के लाड़ में पलकर , आदत से... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 17 Share Taj Mohammad 19 May 2024 · 1 min read सारे निशां मिटा देते हैं। जख्म देकर खुद ही मरहम लगा देते हैं। ऐसे गुनाह करके वो सारे निशां मिटा देते हैं।। गंदगी से दिल उनका बड़ा अफरोज है। पर वुजू से खुद को पाक... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 27 Share Taj Mohammad 19 May 2024 · 1 min read हम उफ ना करेंगे। करते रहो सितम हम उफ ना करेंगे। पर गैर बनने की सोची तो चुप ना रहेंगे।। खुद से ज्यादा चाहते है हम तुमको। जरा सी नफरत तुम्हारी सह ना सकेंगे।।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share भरत कुमार सोलंकी 18 May 2024 · 2 min read लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो हमारी योग्यता पर सवाल क्यो रख तानो को मन पर ख्यालो को खोजते है छोड सवालो को लालची मन का पता नही शादी पर लडको की योग्यता पर सवाल क्यो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 23 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं गज़ल 1212/1122/1212/22(112) चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं। करूं मैं प्यार उसे, उसको ये पता भी नहीं। ये इश्क मुश्क भी होता है रब की मर्जी से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 29 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले। ग़ज़ल 2212/1212/2212/12 मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले। दिल से हमारा साथ दे वो हमसफ़र मिले।1 जीना कठिन हो राह में जब ऐसी धूप हो, तपते बदन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 20 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read चंद्रयान ने चांद से पूछा, चेहरे पर ये धब्बे क्यों। चांद से पूछा 😂😂😂😂 मुक्तक चंद्रयान ने चांद से पूछा, चेहरे पर ये धब्बे क्यों। बुरा न मानो तो कह दें, ये गहरे-गहरे गड्ढे क्यों। आग बबूला हुआ चांद बोला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read चांद मुख पे धब्बे क्यों हैं आज तुम्हें बताऊंगी। (चाॅंद की मां का दर्द) 😂😂😂😂😂😂 मुक्तक चांद मुख पे धब्बे क्यों हैं, आज तुम्हें बताऊंगी। इसका दर्द सहा है मैंने, अब मैं नहीं छुपाऊंगी। जन्मा था जब चांद नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 20 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है। गज़ल 1222/1222/1222/122 वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है। है राखी प्यार का बंधन महज धागा नहीं है।1 वो भाई क्या है जिसने प्यार बहना का न पाया,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा। गज़ल 1212/1122/1212/22 तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा। सुखों की चाह नहीं गम हजार जी लूंगा। 1 कई जनम में मुझे साथ तुम न दो जानम, मैं एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read उनकी उल्फत देख ली। गज़ल 2122/212 उनकी उल्फत देख ली। सारी दौलत देख ली। 1 कैसे तुम पर हो यकीं, अब हकीकत देख ली। 2 प्यार की प्रतिमूर्ति जो, वो इमारत देख ली। 3... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे। मुक्तक इंडिया दिल में बैठ चुका है दूर नहीं कर पाओगे। जन जन के मन से जीवन से कैसे इसे हटाओगे। सरकारों ने जाने कितने इंडिया और बना डाले, स्टार्टअप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 23 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read नहीं खुशियां नहीं गम यार होता। गज़ल 1222/1222/122 नहीं खुशियां नहीं गम यार होता। अगर चे ये नहीं संसार होता। 1 नहीं मिलते बिछड़ते हम किसी से, न खुश होता न दिल बेज़ार होता। 2 न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 19 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए। गज़ल 2122/2122/212 मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए। बस उन्हें खाने कमाने दीजिए।1 कीजिए अहसान उन पर बस यही, हर कदम खुल कर बढ़ाने दीजिए।2 जुगनुओं में है अगर चे हौसला, चांद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए। गज़ल 1222/1222/1222/12 ज़मीं पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए। लगी जो आग नफ़रत की वो बुझनी चाहिए।1 न टिक पाएं कभी फिर मेघ गम के दोस्तो, हवाएं प्यार की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share Neeraj Mishra " नीर " 17 May 2024 · 1 min read जमाने से विद लेकर.... आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा | रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा रिस्ता क्या तेरा मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 49 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read क्या से क्या हो गया देखते देखते। 212/212/212/212 क्या से क्या हो गया देखते देखते। जो भी था खो गया देखते देखते।1 खौफ से जिसकी जगते थे शामों शहर, आज वो सो गया देखते देखते।2 प्यार तन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read कभी जब आपका दीदार होगा मुक्तक 122/2122/2122 कभी जब आपका दीदार होगा। तभी पूरा अधूरा प्यार होगा। कि होंगे हम तुम्हारे तुम हमारे, तभी इज़हार औ'र इकरार होगा। ........✍️सत्य कुमार प्रेमी Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read कभी जब आपका दीदार होगा। गज़ल 122/2122/2122 कभी जब आपका दीदार होगा। तभी पूरा अधूरा प्यार होगा।1 कि होंगे हम तुम्हारे तुम हमारे, तभी इज़हार औ'र इकरार होगा।2 तुम्हारे मिलने से दुनियां बसेगी, हमारा भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 23 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read हमको गैरों का जब सहारा है। गज़ल 2122/1212/22(112) हमको गैरों का जब सहारा है। कैसे कह दें कोई हमारा है। दर्द बेहद दिया है अपनों ने, गम नहीं दुश्मनों ने मारा है। उसको दुत्कारिए न इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 26 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read आप से दर्दे जुबानी क्या कहें। मुक्तक आप से दर्दे जुबानी क्या कहें। आपसे अपनी कहानी क्या कहें। आपके ये ज़ख्म गहरे देखकर, आ गया आंखों में पानी क्या कहें। ......✍️ सत्य कुमार प्रेमी Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 26 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read 2122/2122/212 गज़ल 2122/2122/212 कहते हैं वो खानदानी है बहुत। खून में उसके रवानी है बहुत।। लोग प्यासे मर रहे हैं अनगिनत, यूं तो चारो ओर पानी है बहुत। जो किया है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 23 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम। गज़ल 221/2121/1221/212 तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम। यूं छोड़ कर गए हो कहां लौट आओ तुम। हर ओर थी खुशी ही खुशी तुम जो पास थे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read हार से भी जीत जाना सीख ले। ग़ज़ल 2122/2122/212 हार से भी जीत जाना सीख ले। तू गमों से प्यार करना सीख ले। गम न कर गिरने का तू बस चलता जा, गिरने से पहले सॅंभलना सीख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 15 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read पेड़ पौधे फूल तितली सब बनाता कौन है। गज़ल 2122/2122/2122/212 पेड़ पौधे फूल तितली सब बनाता कौन है। चांद तारे और सूरज जगमगाता कौन है।1 कौन है सबका पिता बन कर जो सबको पालता, प्यार से हम सबको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना। गज़ल 122/122/122/122 तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना। कि आएगा इक दिन समाॅं वो सुहाना।1 जहां जानता है वो चाहत है मेरी, जिसे चाहता हूं उसी ने न जाना।2 यही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है। गज़ल 221/1222/221/1222 जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है। अब मुक्ति मिले कैसे गंगा में नहाया है। पाला है जिसे उसने आश्रम भिजवाया है। जो दर्द सहा मां ने वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 26 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read बेहद दौलत भरी पड़ी है। गज़ल 22/22/22/22 बेहद दौलत भरी पड़ी है। प्यार मुहब्बत दूर खड़ी है।1 दिल से है कंगाल आदमी, इज्ज़त उसकी बहुत बड़ी है।2 भूल चुका है वक्त की कीमत, पहने महगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 18 Share Previous Page 2 Next