कितनी भी दुनियादारी रख

कितनी भी दुनियादारी रख
पर थोड़ी तो खुद्दारी रख
फल देना है काम खुदा का
अपना काम सदा जारी रख
जब घर की शोभा माना है
तो घर के अंदर नारी रख
इस दुनिया में कौन रहा है
जाने की कुछ तय्यारी रख
सच की राह बहुत मुश्किल है
पर चलना फिरना जारी रख
दुश्मन सारे जेर करे जो
मन में ऐसी चिंगारी रख
अपने हक़ की फिक्र ज़रूरी
पर सबकी हिस्सेदारी रख
हाथ बड़ों से खूब मिलाना
छोटों से भी कुछ यारी रख