शब्द भी क्या चीज़ है, महके तो लगाव हो जाता है ओर बहके तो घाव

शब्द भी क्या चीज़ है, महके तो लगाव हो जाता है ओर बहके तो घाव बन जाता है… धन तो कभी भी वापिस कर सकते है, किन्तु बुरे वक्त में मिले, सहानुभूती भरे शब्द, वह “कर्ज” है जिसे चुकाना मानव के वश की बात नहीं हैं…🙏🏃🏻राष्ट्रहित सर्वोपरि रखिए। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।। विश्व का कल्याण हो। सुरक्षित रहिए, प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् …भारत माता की जय🚭‼️