” टीस ” ग़ज़ल
एक-दूजे को, ज़रा सी बात पे, घेरा किये,
इक ज़माना हो गया, तेरा कभी मेरा किये l
धर दिये अधरों पे उसने थे अधर इक बार जो,
उम्र भर धर-धर ज़ुबाँ, अधरों पे हम फेरा किए।
रास है आया तग़ाफ़ुल, जब से माहे-नाज़ को,
उसकी यादें तबसे बैठी हैं, ज़हन, डेरा किये l
रूबरू, आता जो वो, मसले सभी जाते सुलझ,
हम भले, मिलने का उससे, जतन बहुतेरा किये।
मुड़ के वो देखे कभी, “आशा”, यही मन में रही,
हम तो इक मुद्दत से उसको बारहा टेरा किये ..!
तग़ाफ़ुल # नज़रन्दाज़ करना, tk neglect
माहे-नाज़ # चाँद सी ख़ूबसूरत महिला (प्रेयसी), a Lady ( beloved) as beautiful as moon
बारहा # बार-बार, frequently
टेरा # पुकारा, to call