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About the book
दिल में सोए जज़्बात का समन्दर कब हिलोरें लेने लगा, जान ही न सका। बहरहाल, उसी की परिणति है, "आशामँजरी", जिसमेँ गीत, ग़ज़लें, कविताएँ, कहानी सभी कुछ है, साथ मेँ इश्क़... Read more
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