Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2025 · 1 min read

रूह की राह जान तक पहुंचा

फिक्र की फिर उड़ान तक पहुंचा
उम्र के जब ढलान तक पहुंचा

रूह की राह जान तक पहुंचा
इश्क तब आसमान तक पहुंचा

मेरी आंखों में खून उतर आया
तंज़ जब खानदान तक पहुंचा

शाह को होश तक नहीं आया
शोर तो आसमान तक पहुंचा

बस जरूरत थी घर बनाने की
ज़हन लेकिन मकान तक पहुंचा

सैकड़ो दर्द सह लिये है मैंने
तब अना के उफान तक पहुंचा

हाथ “अरशद” पकड़ भी ले कोई
कौन किसकी जबान तक पहुंचा

51 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
चंचल मोर सा मन
चंचल मोर सा मन
SATPAL CHAUHAN
त्रिभाषा सूत्र लागू करने वाला पहला राज्य बना हरियाणा
त्रिभाषा सूत्र लागू करने वाला पहला राज्य बना हरियाणा
सुशील कुमार 'नवीन'
मेरी मां
मेरी मां
Jyoti Roshni
"ठोको जी भर ताली..!"-हास्य कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अज़ल से इंतजार किसका है
अज़ल से इंतजार किसका है
Shweta Soni
"तितली जैसी प्यारी बिटिया": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
झूठा प्यार,झूठी पत्तल,दोनो एक समान ।
झूठा प्यार,झूठी पत्तल,दोनो एक समान ।
लक्ष्मी सिंह
Me Time
Me Time
MEENU SHARMA
अकेलापन
अकेलापन
भरत कुमार सोलंकी
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
व्यापार मेला बनाम पुस्तक मेला
व्यापार मेला बनाम पुस्तक मेला
Dr. Kishan tandon kranti
गीतिका .....
गीतिका .....
sushil sarna
संचित अभिलाष
संचित अभिलाष
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्
ललकार भारद्वाज
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
श्याम सांवरा
हालातों में क्यूं हम
हालातों में क्यूं हम
Shinde Poonam
तिलिस्म
तिलिस्म
Dr. Rajeev Jain
प्रथम दृष्ट्या प्यार
प्रथम दृष्ट्या प्यार
SURYA PRAKASH SHARMA
विवाहोत्सव
विवाहोत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
3481🌷 *पूर्णिका* 🌷
3481🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
पूर्वार्थ
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
शिव प्रताप लोधी
हिरख दी तंदे नें में कदे बनेआ गें नेई तुगी
हिरख दी तंदे नें में कदे बनेआ गें नेई तुगी
Neelam Kumari
।। मतदान करो ।।
।। मतदान करो ।।
Shivkumar barman
राष्ट्रवादहीनता
राष्ट्रवादहीनता
Rambali Mishra
मैं भी कोई प्रीत करूँ....!
मैं भी कोई प्रीत करूँ....!
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
Loading...