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18 Feb 2025 · 1 min read

अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्

अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम्।। “अर्थात:-” जो आलस करते हैं उन्हें विद्या नहीं मिलती, जिनके पास विद्या नहीं होती वो धन नहीं कमा सकता, जो निर्धन हैं उनके मित्र नहीं होते और मित्र के बिना सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती…🙏🏃🏻‍♂️राष्ट्रहित सर्वोपरि रखिए। अपने बच्चों को सही और गलत का बोध कराते रहे उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहिए, उन्हे ज्ञान और विद्या का महत्व समझाए, समाज के हर पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाते रहिए। फिर वो जीवन में जो भी कार्य करेंगे आपके मान सम्मान को ध्यान में रखकर ही करेंगे। आपके द्वारा दिये सही संस्कार और परवरिश उन्हें सभी परिस्थितियों से लड़ना सीखाते हैं। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️

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