दिल को पत्थर बना लिया मैंने

दिल को पत्थर बना लिया मैंने
टूटने से बचा लिया मैंने
वो अयादत को अब तो आएंगे
यूं मरज़ खुद बढ़ा लिया मैंने
कोई तूफान आ न जाए कहीं
आंसुओं को छुपा लिया मैंने
कौन आया, न कोई आएगा
घर को यूं ही सजा लिया मैंने
मुस्कुरा कर विदा किया उसको
अपना हर गम छुपा लिया मैंने
चैन संगीत से ही आता है
दर्द को गुनगुना लिया मैंने
यूं अना उसकी तोड़ दी ‘अरशद’
ख़्वाब में जब बुला लिया मैंने