“हमें नहीं चुप रहना होगा”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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चुप रहना नहीं
चाहता
कुछ न कुछ
कहना चाहता हूँ
मैं मानता हूँ
मेरे बोलने से कुछ नहीं होगा
पर एक आध
लोगों का मन तो पिघलेगा
इन उनलझनों
में भला क्यूँ उलझूँ
एक आध ईंट से
ही तो पहली नींव बनती है
अट्टालिकाओं के लिए
बूँद बूँद से ही
सागर की लहरों का सृजन होता है
आखें सभी की खुलीं हैं
कानों से सब कोई
सुनता है
कुछ लोग मूक-बधिर हो सकते हैं
पर हृदय उनका
भी धड़कता है
सब जानते है कार्बन उत्सर्जन
अपने जलवायु पर
असर करता है
ग्रीनहाउस गैसों की उत्पति
के प्रवाहों से
पृथ्वी गर्म हो जाती है
विनाश का तांडव होने लगता है
इस तांडव की विभीषिका
से हमें बचना होगा
हमें नहीं चुप रहना होगा !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
12.01.2025