Posts Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15k posts List Grid Previous Page 3 Next Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : पेट में दाना नहीं पेट में दाना नहीं उपवास लेकर क्या करें मर चुके प्यासे परिंदे प्यास लेकर क्या करें सार्वभौमिक सत्य है ये मृत्यु का आना है तय मछलियाँ बगुलों से फिर विश्वास... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 1 104 Share Harinarayan Tanha 11 Nov 2024 · 1 min read दिल हमारा गुनहगार नही है दिल हमारा गुनहगार नही है ऐसा कोई पहली बार नही है हर बार यही सोचता हूं आखरी है मगर ये भी आखरी बार नही है तुझे रास्ता बदलना है तो... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 138 Share पंकज परिंदा 11 Nov 2024 · 1 min read यूँ ही आना जाना है, यूँ ही आना जाना है, दुनिया एक झमेला है। सुख दुख जीवन के पहलू, धूप कहीं, कहीं छाया है। खलिहानों में उम्र गई, कहते लोग निठल्ला है। कारिस्तानी बेटे की,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 109 Share पंकज परिंदा 8 Nov 2024 · 1 min read कुछ तो स्पेशल देख परिंदे। कुछ तो स्पेशल देख परिंदे। फिल्मी माॅडल देख परिंदे। छूटा गाँव गली चौबारा, मुंबई सेन्ट्रल देख परिंदे। ख़ुद को रख अपडेट हमेशा, ख़बरें ग्लोबल देख परिंदे। गुजरे चिट्ठी तार संदेशा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 190 Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2024 · 1 min read मुक्तक !! मुक्तक !! मिलाये जो नज़र उससे, निगाहें वो चुराता है, ज़माने भर हमारे नाम की कसमें उठाता है ! करे किस से शिकायत अब गुनाहों की सनम के हम,... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 111 Share पंकज परिंदा 4 Nov 2024 · 1 min read नाहक को। नाहक को। संभालो। सब सुन लो, फ़नकारो। बदनामी, होने दो। हर क़ीमत, पहचानो। कैसे हो ? सरदारो। ख़ुश्क गला, दारू लो। गुस्सा क्यूं ? बतलाओ। बातें मत, उलझाओ। नखरे कम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 131 Share पंकज परिंदा 2 Nov 2024 · 1 min read थे जो आलमगीर परिंदे। थे जो आलमगीर परिंदे। ले डूबी तक़दीर परिंदे। पहना दी शहज़ादों ने ही, लोहे की ज़ंजीर परिंदे। जिल्लेलाही कहते ख़ुद को, छोड़ गये जागीर परिंदे। वक़्त का पहिया घूमा साहब,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 136 Share Sandeep Thakur 30 Oct 2024 · 1 min read बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर बहते पानी पे एक दरिया ने अपनी लहरों से लिक्खे अफ़्साने बादलों में समेट के बारिश अश्क धरती के लाई लौटाने काग़ज़ी फूल की महक का सच ये देहाती परिंदा... Hindi · Quote Writer · Sandeep Thakur Shayari · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 470 Share हरीश पटेल ' हर' 29 Oct 2024 · 1 min read दीपावली का पर्व महान भारत है यह शिष्ट सभ्यता संस्कृति की पहचान। इसी कड़ी में चलो मनाएं दीपावली का पर्व महान। जग यह जीत सके वह शक्ति, पत्थर बोल उठे ,वह भक्ति । सहज... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 235 Share Sandeep Thakur 26 Oct 2024 · 1 min read ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो ज़िंदगी तुझको चख के चुप था वो लोग तारे दिखा रहे थे पर जेब में चाँद रख के चुप था वो संदीप ठाकुर Hindi · Sandeep Thakur Shayari · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 4 1 538 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 25 Oct 2024 · 1 min read भरें भंडार 🦚 *भरें भंडार* ०००००००० दीप आशा के जलायें दूर ये अँधियार हो । सुरसरी के नीर सा पावन दिलों में प्यार हो ।।1 ० हर तरफ फैले अँधेरे देख कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · ज्योति · दीपमाला 195 Share पंकज परिंदा 23 Oct 2024 · 1 min read वो प्यासा इक पनघट देखा..!! घूम रहे बिन चुन्नट देखा, जिन चहरों पर घूंघट देखा। गुजरा प्यास बुझाते जीवन, वो प्यासा इक पनघट देखा। कुछ लंगड़ों को दिन ढलते ही, दौड़ लगाते सरपट देखा। ऊंचे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 132 Share Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya" 23 Oct 2024 · 1 min read सुख दुख जीवन का संगम हैं भावों में भाव धधकती हो,अधरों पर मुस्कान चमकती हो। उस प्रेम भाव का क्या कहना,जिसमें रसधार न बहती हो ।। सनम जुस्तजू हो गई हैं, फिर मेरे दिल की तन्हाई... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · दोहा · मुक्तक 2 155 Share Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya" 16 Oct 2024 · 1 min read मधुशाला रास न आई तू मधुशाला रास न आई तू, तेरी औकात का तिरस्कार. जिस जिस ने तेरा स्वाद लिया, मिट गया वंश घर का चिराग.. राजा भी मिटे गणतंत्र मिटे, मिट गये महल और... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 134 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 15 Oct 2024 · 1 min read "उत्सवों का महत्व" प्रेम और सद्भाव से, हर बंधन को ये बांधती है, रिश्तों में मिठास घोल, हर ग़म को दूर भगाती है!! जीवन की बगिया में, खुशियों के फूल खिलाती है, ये... Hindi · उत्सव · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 133 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read बेघर एक "परिंदा" है..! यूँ ही आना जाना है, दुनिया एक झमेला है। सुख दुख जीवन के पहलू, धूप कहीं, कहीं छाया है। खलिहानों में उम्र गई, कहते लोग निठल्ला है। कारिस्तानी बेटे की,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 151 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read मौसम है मस्ताना, कह दूं। मौसम है मस्ताना, कह दूं। किस्सा कोई पुराना, कह दूं। छलके आँसू ज्यों आँखों से, आँखों को मयखाना कह दूं। घाटा और मुनाफ़ा छोड़ो, मुश्किल रोज़ कमाना कह दूं। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 168 Share Sandeep Thakur 13 Oct 2024 · 1 min read दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर दो दिलों में तनातनी क्यों है प्यार के बीच दुश्मनी क्यों है बंद है बातचीत तक सोचो सूरते हाल ये बनी क्यों है क्यों ख़ला से परे भी हैं किरनें... Hindi · Quote Writer · Sandeep Thakur Shayari · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 417 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read डर डर जीना बंद परिंदे..! डर डर जीना बंद परिंदे। कर आवाज़ बुलंद परिंदे। कांटों की संगत में रहकर, गुल बनता गुलकंद परिंदे। जंग यहाँ ख़ुद से ही लड़नी, कस ले बख्तरबंद परिंदे। भवरों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share Sandeep Thakur 12 Oct 2024 · 1 min read दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर दरिया की लहरें खुल के आज गले लगती पुल के सूरज भी बन सकते हैं सारे जुगनू मिल-जुल के शाम उतर आई आख़िर आज बगा़वत पे खुल के बारिश में... Hindi · Quote Writer · Sandeep Thakur Shayari · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 1 447 Share Sandeep Thakur 6 Oct 2024 · 1 min read प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर भूला तो तुझको मैं इक पल भी नहीं हूं याद से लेकिन मैं बोझल भी नहीं हूं माना तेरे बिन मुकम्मल भी नहीं हूं प्यार में लेकिन मैं पागल भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · प्यार में लेकिन मैं पागल भी नह · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 1 509 Share पंकज परिंदा 6 Oct 2024 · 1 min read बग़ावत की लहर कैसे.? बग़ावत की लहर कैसे.? उठी आख़िर नज़र कैसे.? कहाँ कब और, किधर कैसे.? मचा है ये ग़दर, कैसे.? बड़ी ज़ालिम ये दुनिया है, यहाँ अब हो गुज़र कैसे.? मुझे मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 106 Share पंकज परिंदा 6 Oct 2024 · 1 min read जिस दिल में ईमान नहीं है, जिस दिल में ईमान नहीं है, कुछ भी हो इंसान नहीं है। नामाक़ूल रहोगे, जब तक, नीयत में पैमान नहीं है। क्या लाये जो खोया तुमने..? शायद गीता ज्ञान नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 145 Share Sandeep Thakur 3 Oct 2024 · 1 min read दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर दरिया की तह में ठिकाना चाहती है कश्ती तो बस आशियाना चाहती है लेट आकर गिफ़्ट लाई हैं घड़ी तू वक़्त की क़ीमत चुकाना चाहती है इससे पहले पेड़ उसको... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · दरिया की तह में ठिकाना चाहती ह · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 8 2 699 Share पंकज परिंदा 3 Oct 2024 · 1 min read इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..! *बह्र -- 2122 1212 22* आम सी बात है ख़ता होना। इतना आसां नहीं ख़ुदा होना। किसको फ़ुरसत है कौन सुनता है, सीख लो ख़ुद में गुमशुदा.., होना। सिलसिले दरमियां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 167 Share पंकज परिंदा 3 Oct 2024 · 1 min read रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। मुझको मुझसे जरा मिला दे अब। ज़ख्म भरने लगे हैं सब मेरे, भर के मुट्टी नमक लगा दे अब। आशियां ख़ाक हो रहा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 142 Share Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya" 3 Oct 2024 · 1 min read सोलह आने सच... दिल की बात जुबां पे आई अधरों पर मुस्कान खिलीं कहे पपीहा कोयल से आज चमन में कली खिलीं, पानी वर्षा धूप खिली मेंढक ने दी तान वीर वीरता सदा... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · निबंध 1 140 Share पंकज परिंदा 2 Oct 2024 · 1 min read बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..? बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..? हर कोई अज़नबी, कहाँ जाऊँ..? ख़्वाहिशें थीं कभी जो इस दिल में, कर चुकीं ख़ुदकुशी कहाँ जाऊँ.? चाँद से मुँह यूं मोड़ भी.., लूँ तो.!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 169 Share आकाश महेशपुरी 30 Sep 2024 · 1 min read तेरी नज़रों में अब वो धार नहीं ग़ज़ल- तेरी नज़रों में अब वो धार नहीं ◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ दिल के होता है आर-पार नहीं तेरी नज़रों में अब वो धार नहीं तेरी खातिर मैं छोड़ दूँ दुनिया दिल है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 3 136 Share अरशद रसूल बदायूंनी 29 Sep 2024 · 1 min read मुझमें क्या मेरा है ? दिन दफ्तर का, रात पे हक बच्चों का है कोई बताए अब मुझमें क्या मेरा है ? शर्म बहुत आती है उससे मिलने में जिसने रिश्तों के धागों को तोड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 222 Share Sandeep Thakur 28 Sep 2024 · 1 min read झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर झूठ है सब ज़हीन धोका है इस नज़र का यक़ीन धोका है टूट जाएगा दिल तो समझोगे ये मुहब्बत हसीन धोका है संदीप ठाकुर Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 535 Share पंकज परिंदा 28 Sep 2024 · 1 min read बहता जल कल कल कल...! बहता जल, कल कल कल। प्रश्न कठिन, मुश्किल हल। कीचड़ में, देख कमल। पांव बचा, है दलदल। आँख लड़ी, तो हलचल। रोज नहा, तन मल मल। खींच लहू, है निर्बल।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 125 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 28 Sep 2024 · 1 min read " रास्ता उजालों का " शीर्षक - " रास्ता उजालों का " बाद मुद्दत वो.... मिलने आया है । सुकून कितना..... हमनें पाया है ।। बनकर अंजान... ख़ामुश रहा वो । कमबख़्त ने दिल मिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 161 Share Jyoti Khari 27 Sep 2024 · 1 min read ज़िंदगी के रास्ते सरल नहीं होते....!!!! आज में जीने के लिए अतीत को त्यागना ही पड़ता है वरना ज़िंदगी के मसले ताउम्र हल नहीं होते..... जानोगे तो पता चलेगा कुछ जिंदगियों के रास्ते अक्सर सरल नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 193 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read बिन मौसम.., बरसे हम। बिन मौसम। बरसे हम। झोली में, ढेरों गम। मेरी सुन, ओ हमदम। मत कर तू, आंखें नम। ज़ख्मों पर, कर मरहम। डूबे तब, पानी कम। तेरी तो, एटम बम। मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 109 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 26 Sep 2024 · 1 min read जिंदगी हमको हँसाती रात दिन आधार छंद - आनंदवर्धक, मापनीयुक्त मात्रिक मापनी - गालगागा गालगागा गालगा अंकावली-2122 2122 212 समांत-- आती पदांत-- रातदिन #गीतिका ******** जिंदगी हमको हॅसाती रात दिन। वक्त आने पर रुलाती रात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 118 Share Sandeep Thakur 25 Sep 2024 · 1 min read जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर जाम सिगरेट कश और बस कुछ धुआँ आख़िरश और बस मौत तक ज़िंदगी का सफ़र रात-दिन कश्मकश और बस पी गया पेड़ आँधी मगर गिर पड़ा खा के ग़श और... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · जाम सिगरेट कश और बस · शेर · सिगरेट शायरी 2 1 450 Share आकाश महेशपुरी 25 Sep 2024 · 1 min read जिनको हमसे रहा है प्यार नहीं जिनको हमसे रहा है प्यार नहीं उनका हमको भी इंतजार नहीं रोग है ये इलाज के क़ाबिल आपको इश्क़ का बुखार नहीं मुझपे उँगली उठा रहे हैं जो उनका दामन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share Kalamkash 24 Sep 2024 · 1 min read मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, कहता हूँ इस जहाँ से मुझे दर्द चाहिए Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · लेख · शेर 163 Share आकाश महेशपुरी 24 Sep 2024 · 1 min read बेवफ़ा जब हुए आँखों में बसाने वाले रोज़ मिलते हैं मुझे अपना बताने वाले हैं कहाँ लोग मगर साथ निभाने वाले कैसे मैं फिर से मोहब्बत पे भरोसा कर लूँ बेवफ़ा जब हुए आँखों में बसाने वाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 124 Share अरशद रसूल बदायूंनी 23 Sep 2024 · 1 min read मुश्किल है हिम्मत करना कितना मुश्किल है ये हिम्मत करना आज बच्चों को नसीहत करना डर रहेगा न किसी का तुमको एक ही रब की इबादत करना करके इमदाद जतानी है अगर तो किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 195 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 23 Sep 2024 · 1 min read "उत्सवों का महत्व" "उत्सवों का महत्व" प्रेम और सद्भाव से, हर बंधन को ये बांधती है, रिश्तों में मिठास घोल, हर ग़म को दूर भगाती है!! जीवन की बगिया में, खुशियों के फूल... Hindi · उत्सव · ग़ज़ल/गीतिका 112 Share मधुसूदन गौतम 22 Sep 2024 · 1 min read बिटिया प्यारी *बेटी दिवस पर विशेष* आई दुनिया में बिटिया प्यारी , गूंजी नन्ही सी किलकारी। परी सुहानी घूमा करती, उछल कूद गोदी में करती, कभी मटकती ,कभी लिपटती, पापा संग अठखेली... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 321 Share Kavita Chouhan 21 Sep 2024 · 1 min read सोलह श्राद्ध ****सोलह श्राद्ध**** सोलह दिन यह पावन कितने आते धरा पर हमारे अपने जलांजलि दे क्षुधा पूर्ण करें पिंडदान, श्राद्ध संपूर्ण करें परलोक से पूर्वज पधारे कभी जो थे मध्य हमारे... Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · श्राद्धकर्म · सहित्यपिडिया 157 Share पंकज परिंदा 21 Sep 2024 · 1 min read मन के मनके फोड़ा कर...!! मत यूँ हाथ मरोड़ा कर। दिल को दिल से जोड़ा कर। खट्टी - मीठी बातों से, मन के तार झिंझोड़ा कर। जब जब गलती हो मेरी, कस के खूब निचोड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 172 Share पंकज परिंदा 21 Sep 2024 · 1 min read सबका अपना दाना - पानी.....!! कब तक होगी यूँ नादानी, छोड़ो भी, हरकत बच्चे की बचकानी, छोड़ो भी। आंख के अंधे नाम नयनसुख हैं सारे, करते अपनी ही मनमानी, छोड़ो भी। नौ सौ चूहे खा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share पंकज परिंदा 21 Sep 2024 · 1 min read नीयत में पैमान मिलेगा। नीयत में पैमान मिलेगा। तो तुझको सम्मान मिलेगा। क्या लाये जो खोया तुमने..? आखिर में शमशान मिलेगा। यूँ ही ब़ैर रखोगे मन में, तो कैसे भगवान मिलेगा..? मसले देरी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 104 Share Sandeep Thakur 20 Sep 2024 · 1 min read उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं मेरे ख़्वाबों ख़यालों सी थीं उस की बातों से घर भर गया उस की बातें उजालों सी थीं राह तकती हुई शाम की चंद... Hindi · उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 3 364 Share Sandeep Thakur 17 Sep 2024 · 1 min read आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर आंख से मत कुरेद तस्वीरें खोल देती हैं भेद तस्वीरें दास्तां रंगों की समेटे हैं धुंधली काली-सफेद तस्वीरें संदीप ठाकुर Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर · संदीप ठाकुर शायरी 352 Share Harinarayan Tanha 16 Sep 2024 · 1 min read तुम्हारी आँखों में समाया है, प्यार तुम्हारी आँखों में समाया है, प्यार दिल की धड़कनों में बसाया है, प्यार तुम्हारे बिना जीवन अधूरा सा लगे मै ने जिंदगी भर निभाया है, प्यार तुम्हारी मुस्कान में मैं... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share Previous Page 3 Next