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26 Sep 2024 · 1 min read

जिंदगी हमको हँसाती रात दिन

आधार छंद – आनंदवर्धक, मापनीयुक्त मात्रिक
मापनी – गालगागा गालगागा गालगा
अंकावली-2122 2122 212
समांत– आती
पदांत– रातदिन
#गीतिका
********
जिंदगी हमको हॅसाती रात दिन।
वक्त आने पर रुलाती रात दिन।।१

दर्द देकर भूल जाती है स्वयं,
गीत खुशियों के गवाती रात दिन।२

जिंदगी की भी कहानी है अलग,
उलझनों मे है फंसाती रात दिन ।३

जब कभी हमको मिली छोटी खुशी,
जिंदगी बस गुनगुनाती रात दिन।४

जब कभी भूला पथिक खुद रास्ता,
जिंदगी राहें दिखाती रात दिन।५

टूट कर भी जब गिरा मानुष कभी,
जिंदगी उठना सिखाती रात दिन।६

बात दिल की क्या कहे किससे अटल,
जिंदगी मुझको चलाती रात दिन।७

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