आप खामोश क्यों हो

आप खामोश क्यों हो, इस तरहां मेरी तरह आप।
दिल में हो कोई शिकवा, हमसे कह दीजिए आप।।
आप खामोश क्यों हो———————।।
कमी क्या रह गई है, तुम्हें क्या नहीं मिला ऐसा।
ख्वाब क्या रह गया बाकी, गम है जिसका ऐसा।।
तुम्हारे हम नहीं काबिल, पसन्द सबकी हो यहाँ आप।
आप खामोश क्यों हो——————–।।
कुछ भी कह दीजिए अब आप, वफ़ा नहीं वक़्त किसी से।
वक़्त की करिये आप तारीफ, हुई मुलाकात यहाँ तुमसे।।
हमारी छोड़िये आप फिक्र, दिल से दिल खोल हंसिये आप।
आप खामोश क्यों हो———————–।।
*(शेर)- आप क्या लुटा है हमने, कि आप बर्बाद हो गये।
सितम क्या किया है हमने, कि आप नाराज हो गये।।
आपकी यहाँ इज्जत है, आपके तरफ़दार है बहुत।
हाँ, हमको होना था आबाद, बर्बाद आपके लिए हो गये।।*
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हमने गर अच्छा किया हो तो, हमको याद करना कल।
मगर करिये दुहा यह भी, हमें भी याद आये आप कल।।
कहिये हमको जी.आज़ाद, समझ नहीं पाये यह क्यों आप।
आप खामोश क्यों हो————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)