श्रद्धांजलि

हिमालय कस ऊंचा रीहिस हे,
जेकर हौसला।
पल में कर लेत रिहिस हे,
हर समस्याओ के फैसला।
समुद्र के लहर ले घलो तेज रिहिस,
चट्टान के जईसे अडिग अऊव अभेद रिहिस।
मजदूर के मसीहा अऊव किसान के राहबर रिहिस।
शोषित बर कुरान बाईबल, अऊव वेद रिहिस।
संधर्ष ब निर्माण अऊव निर्माण ब संघर्ष के मिसाल रिहिस।
आन्दोलन के जनक अऊव जीत के खनक ,
साधारण नही महा विशाल रीहिस।
मौत के सौदागर मन,
वोला मौत के नींद मे सोवा दिन।
अइसन अलौकिक शक्ति ल,
हमर मनसे नगा लिन।
त का होगे,
हम तोर सिपाही अन,
तोर रसता के राही अन।
ऐ कारवां चलते रही,
जुल्म के खिलाफ लड़ते रही।
हर हाथ ल काम,
अऊव हर खेत ल पानी,
आवो जुर मिलके लिखबो,
संघर्ष के नवा कहानी।
संघर्ष के नवा कहानी,
संघर्ष के नवा कहानी,
नियोगी जी को लाल सलाम,
लाल सलाम लाल सलाम।
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