Dr.Pratibha Prakash Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read व्याकुल तू प्रिये क्यों होती है व्याकुल तू, प्रिये मैं तेरे हृदय में रहता हूँ, तू यहाँ वहां क्यों खोज रही, तेरे अंतर्मन में रहता हूँ ..................... तेरे केशों की काली घटा में,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 146 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा दृश्य बाल कृष्ण अपने सखाओं के संग और राधिका मार्ग में गोपियों के संग छम-छम, छम-छम बाजे पायल,राधा के संग आये श्यामल पीछे सारे गोपी गण हैं , बने प्रतीक्षित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नाटक · बाल कविता 10 4 347 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read ह्रदय के आंगन में मेरे हृदय के इस आँगन में, रहता था बस सूनापन देकर अपनी मीठी छुअन, जगा दिया तुमने स्पंदन क्यों किया तुमने ऐसा, चुभा दिया कांटा हो जैसा क्यों जानी मेरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 4 340 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read प्राप्ति मिला है वो जिसकी थी तलाश सदियों से या कई जन्मों से वो वोधि ज्ञान या कैवल्य तत्व ज्ञान या अध्यात्म पा लिया मैंने सर सृष्टि का पा लिया एहसास... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 2 170 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read एक साँझ ढलता सूर्य तो आती साँझ, कुछ कथ्य कहे अनकहे सत्य समझाए निशा है आये होगी दीप्तिमान प्रतीक्षा, कुछ अपूर्ण इच्छा महत्ता निशा की ज्ञान अंधकार का एक प्रयासित प्रयोग है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 123 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 2 min read हे मनुज श्रेष्ठ मैं सूक्ष्म अति मैं ही विराट मुझसे ही विशाल हिम ललाट । मुझमें सारा सकल सृजन, सुशोभित मुझसे ये धरा गगन । मैं ही जल अग्नि व्योम समीर , मैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 3 438 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read बोध उम्र बीत गई झुर्रियां आ गईं काश ये तब समझ लिया होता ......... समय का वहाव है सब अपनों के ही दिए घाव हैं सब ......... सत्य तो बस सनातन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 146 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read खिन्न हृदय हृदय बड़ा खिन्न सा है, दृष्टि गोचर भिन्न सा है हर तरफ स्वार्थ लिप्सित, रिश्ते नाते सब भाव रिक्त कहें को सब अपने हैं, देखो तो सब सपने हैं विचरण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 146 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read अनंत का आलिंगन न जाने किसकी आँखों से बरस रहा सावन बिन सावन बूंदे अति शीतल हैं फिर भी छलनी सीना होता क्यों साजन न जाने किसकी आँखों से.................... झर-झर झर-झर बरसे नैना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 9 256 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read इक तेरे सिवा तुमसे हटकर सोचूं भी क्या, इक तेरे सिवा जगत रखा क्या पंचतत्व में तुम ही समाये , तुमसे सुन्दर जगत में और क्या ......... ये तारे, नज़ारे सब तुम्हारे इशारे,सागर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 10 2 167 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read मेरे कलाधर श्यामल शस्य भू नीला अम्बर , शोभित मध्य मेरे कलाधर शास्वत सत्य डारि बाघम्बर, गुंजित बम-बम और हर-हर स्वर शोभित मध्य मेरे कलाधर ................ अजानुबाहु आशीष को देते, मन निर्मल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 9 152 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read प्रीत की चादर बदली ने ओढ़ प्रीत की चादर , भू को आज भिगोया है और धरा ने फैला बाहें, बूंदों को सीने में पिरोया है .............. नाचे मोर पपीहा गाए,झूम झूम सावन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 9 122 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला सायंकाल फिर मिलन की वेला, तेरी राह निहारेगी मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकर आएगी ............ लाज से भरे तेरे नैनन में, प्रेम रिक्त रह जाएगा अपने हाथों... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 9 183 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 13 1 593 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read युग बीत गया एक युग बीत गया हो जैसे, तेरी चितवन को पाए नैन भए पत्थर हों जैसे, तेरी राह में पलक बिछाए... सुन स्वामी अंतर्यामी है तू ,सर्वज्ञ सर्व व्यापी है तू... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 101 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read किसी से मत कहना किसी से मत कहना किसी से मत कहना ............... कांधे पर सिर रखकर हमने, जो पल तेरे साथ बिताए तेरी धड़कन जो गीत गाए, गीतों का अदभुत वह राग अधरों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 9 107 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read ये पीढ कैसी ; ये पीढ कैसी ये प्रीत कैसी, ये रीत कैसी ये प्रीत कैसी शूल चुभाए पवन ये कैसी, सुलगे हृदय में ये अगन कैसी ।। हे री सखी कह; ये राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 112 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला घटा घनघोर छाई , संदेश पिया का लैके आई लगे मिलन की वेला , अब आई- अब आई ............. बदरा भये अब कारे-कारे, जैसे नैन तेरे कजरारे मेघ झुके तो... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 10 88 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read हे नाथ कहो हे नाथ कहो ………….. कोई शब्द जो मेरे मन में आता; क्या तुमसे मिलकर आता है ? जो भाव उठा मेरे उर में, क्या तुम तक स्वामी जाता है ?... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 141 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read योग न ऐसो कर्म हमारा मन चाहे तुझमें खो जाऊं, योग न ऐसो कर्म हमारा ज्ञान न एतो तुमको पा लूँ ,ताहि रटूं मैं नाम तिहारा हर पल तेरा दर्शन मांगू ,मैं तेरी हूँ इतना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 106 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read प्रार्थना प्रर्थना शब्दों से ऊपर ही रहती, हृदय भाव की ये भाषा प्रार्थना मात्र भाव हृदय के, नहीं कोई ये परिभाषा ।। प्रभु ये उपवन देन तुम्हारी, मात पिता संग हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 10 95 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 2 min read अध्यात्म का शंखनाद ज्ञान ज्ञान ज्ञान बोल कर मांगते सम्मान हैं ज्ञान हैं जहां नहीं कह रहे पहचान है | साम दाम दण्ड से, छल हेर फेर फंद से वीर-पीर कह रहे, हम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 2 196 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुझमें : मैं लोक में त्रिलोक में, मैं ही धरा आलोक में प्रसन्नता पर्याय मैं ही, मैं ही कारण शोक में पूजा दया और दान में, मैं करुणा के सार में समस्त विकारों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 1 285 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read अध्यात्म का अभिसार आदि अनादि अनन्त वो, महाकाल और प्रचंड है बहुरूपणी सर्वरूपणी, अगोचर अगम अखण्ड है देव-दैत्य. गंधर्व-यक्ष, भगवानों का भगवान है नाम रूप मुक्त वो,नहीं रिक्त कोई स्थान है।। सत्य का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 1 291 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read एक नया अध्याय लिखूं एक नया अध्याय लिखूं ,तेरा तुझसा पर्याय लिखूं। मिलन विरह से ऊपर उठ, मुक्त छंद दो चार लिखूं ।। स्तुतियों में जिसका वर्णन है, श्लोकों में जिसका वंदन है ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 11 4 465 Share