तुम सत्य हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो
तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो……..
तुम श्वांस हो मेरी आस हो, तुम ही तो मात्र विश्वास हो
तुम सोच हो, तुम स्वप्न हो, जीवन का मेरे अर्थ हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो……………
सकल सृष्टि, तेरी दृष्टि, मांगती मैं कृपा दृष्टि
लेख में आलेख में, स्वर तुम्हीं हर शब्द हो………
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो
मेरी प्रार्थना, आराधना, हर पल मेरी, तुम कामना
उपासना तुमसे ही मेरी, तुम साधना साधार्थ हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो………………….
तुम ओम हो, ओंकार हो, साकार तुम निराकार हो
कण-कण में तुम,अणु रज में तुम, हर अंग तुम मेरे साथ हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो……………….
तुम आदि हो, अनादि हो, अगम्य, अगोचर उपाधि हो
तुम हो भी नहीं, सर्वत्र हो, व्यापक तुम ही पार्थ हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो……………..
तुम भूत हो पराभूत हो, तुम आहुति आहूत हो
मन्त्र भी तुम तन्त्र हो, जीवन मरण तुम यन्त्र हो
तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो………………