Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

मिलन की वेला

सायंकाल फिर मिलन की वेला, तेरी राह निहारेगी
मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकर आएगी …………

लाज से भरे तेरे नैनन में, प्रेम रिक्त रह जाएगा
अपने हाथों में जब मैं लूँगा, चित्त तेरा खो जायेगा
सिकुड़ सिमट कर तब, तू कुमुदनी बन जाएगी
मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकर आएगी …………

बिन शब्दों के शब्दों में, अनमोल व्याकरण भाषा होगी
मूक अधर हिल न सकेंगे , नव लेकिन परिभाषा होगी
गूंज उठेगा संगीत अमर, और वीणा तान सुनाएगी
मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकरआएगी …………

मृदुल प्रेम के रस में डूबे, अनमोल क्षणों को जी लेंगे
भव बन्धन के हर बन्धन को, भक्ति भाव से तोड़ेंगे
एक नये उल्लास में डूबी, तब गाथा बन जाएगी ……..
मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकरआएगी …………

Language: Hindi
9 Likes · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
आप देखिएगा...
आप देखिएगा...
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हमारा देश
हमारा देश
Neeraj Agarwal
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
यादों में
यादों में
Shweta Soni
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
The Third Pillar
The Third Pillar
Rakmish Sultanpuri
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
मोदी जी का स्वच्छ भारत का जो सपना है
मोदी जी का स्वच्छ भारत का जो सपना है
gurudeenverma198
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
हर कस्बे हर मोड़ पर,
हर कस्बे हर मोड़ पर,
sushil sarna
शिकायत लबों पर
शिकायत लबों पर
Dr fauzia Naseem shad
स्मृतियों की चिन्दियाँ
स्मृतियों की चिन्दियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर से बेघर
घर से बेघर
Punam Pande
मेरा दिन भी आएगा !
मेरा दिन भी आएगा !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ज़िदगी के फ़लसफ़े
ज़िदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
कागजी फूलों से
कागजी फूलों से
Satish Srijan
"काश"
Dr. Kishan tandon kranti
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
Loading...