Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2023 · 1 min read

वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।

वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं,
अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो मुस्कुराहटें जो, मासूम सी आँखों में कभी बसती हैं,
अब बूँदें बनकर, बारिशों संग हँसा करती हैं।
वो पतवारें जो कश्तियों के सफर को पूरा करती हैं,
जल कर जो हुई भस्म, अब किनारों से ख़फ़ा रहती हैं।
वो बहारें जो साँसों को, भीनी खुशबुओं से भरती हैं,
अब बस बदलते मौसम का सबब बनकर, शहर से गुजरती हैं।
वो उड़ानें जो बादलों से, शर्तों की बातें किया करती हैं,
गिरी यूँ कि, जमीं के रास्तों पर भी, चलने से अब ये डरती हैं।
वो धड़कनें जो रेत के महलों को भी, कभी अपना कहा करती हैं,
अब अपनी दहलीज़ पर रूककर, अपनी हीं पहचान को तरसती हैं।
वो आशाएं जो कभी, टूटे तारों से भी दुआएं किया करती हैं,
अब धूल से सनी चिट्ठियां बनकर, एक कोने में जिया करती हैं।

1 Like · 125 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
जुड़वा भाई ( शिक्षाप्रद कहानी )
AMRESH KUMAR VERMA
करूण संवेदना
करूण संवेदना
Ritu Asooja
💐प्रेम कौतुक-540💐
💐प्रेम कौतुक-540💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चली जाऊं जब मैं इस जहां से.....
चली जाऊं जब मैं इस जहां से.....
Santosh Soni
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Sukoon
ये साला टमाटर
ये साला टमाटर
*Author प्रणय प्रभात*
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
दोहा- दिशा
दोहा- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अभिनय चरित्रम्
अभिनय चरित्रम्
मनोज कर्ण
।।बचपन के दिन ।।
।।बचपन के दिन ।।
Shashi kala vyas
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
Umender kumar
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गाँधी हमेशा जिंदा है
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हम वो हिंदुस्तानी है,
हम वो हिंदुस्तानी है,
भवेश
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
एक शेर
एक शेर
Ravi Prakash
ज़िंदगी इसमें
ज़िंदगी इसमें
Dr fauzia Naseem shad
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
Ram Krishan Rastogi
Intakam hum bhi le sakte hai tujhse,
Intakam hum bhi le sakte hai tujhse,
Sakshi Tripathi
गीतिका।
गीतिका।
Pankaj sharma Tarun
💃युवती💃
💃युवती💃
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
Anand Kumar
Loading...