Posts Tag: Manisha Manjari 259 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 18 Mar 2025 · 1 min read साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी, साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी, चिराग ले कर मेरे अंधेरों में, आना ना कभी। गर्दिशें भाती हैं मझे, वो तन्हा सितारा हूँ मैं, फ़ना क्षितिज पर,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 Share Manisha Manjari 14 Mar 2025 · 1 min read श्वेत वर्ण के आँचल को, पिचकारियों के रंग से कैसे बचाऊं, श्वेत वर्ण के आँचल को, पिचकारियों के रंग से कैसे बचाऊं, जो पड़ जाएँ कुछ छींटें भी, इस दाग को कैसे छुड़ाऊं। गलियों में छुपती छिपाती, घर की दिशा में... Hindi · Happy Holi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 26 Share Manisha Manjari 14 Mar 2025 · 1 min read सिन्दूरी रंग की छटा जब छाती, पर्वत श्रृंगी पर फागुन है आती, सिन्दूरी रंग की छटा जब छाती, पर्वत श्रृंगी पर फागुन है आती, ढोल-मंजीरे की तान छिड़ जाती, यूँ होली हर्ष के गीत सुनाती। जीर्ण-शीर्ण पुरातन में ये, नित्य नूतन का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 23 Share Manisha Manjari 13 Mar 2025 · 1 min read ये आशिकी मेरी कोरे रंग से ऐसी, ये आशिकी मेरी कोरे रंग से ऐसी, कि रंग होली के भी भाते नहीं, तन्हा शामों का नशा छाया कुछ ऐसा, कि गीत टोली के भी लुभाते नहीं। तेरी नजरों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 18 Share Manisha Manjari 13 Mar 2025 · 1 min read खामोशी तेरी गूंजती है, घर की सूनी दीवारों में, खामोशी तेरी गूंजती है, घर की सूनी दीवारों में, हर रंग फीका लगता है, रंगों के त्योहारों में। खुशबुएँ तेरी आती नहीं, तेरे कपड़ों के मीनारों में, ढूंढती है तुम्हें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 14 Share Manisha Manjari 8 Feb 2025 · 1 min read मेरे मसान की मिटटी तो, तन्हा छोड़ दी जाए, मेरे मसान की मिटटी तो, तन्हा छोड़ दी जाए, सुकून का एक लम्हा तो, कभी हिस्से में मेरे आये। धूलें उड़ती हैं इस बंजर में, थोड़ी सकपकाती हुई, आँधियों का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 50 Share Manisha Manjari 30 Jan 2025 · 1 min read सांझ की सिन्दूरी कल्पनाएं और तेरी आहटों का दबे पाँव आना, सांझ की सिन्दूरी कल्पनाएं और तेरी आहटों का दबे पाँव आना, खिड़कियों पर बैठी पुरवाईओं का, ख्वाहिशों को यूँ सहलाना। खामोशियों की सिमटी दरख़्त पर, बातों का यूँ चहचहाना, जो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 62 Share Manisha Manjari 28 Jan 2025 · 1 min read ये संवेदनशून्यता अब साहस का एहसास दिलाती है ये संवेदनशून्यता अब साहस का एहसास दिलाती है, आँखों को अश्रुओं की कैद से मुक्त कराती है। कभी वो हृदय जो, आघातों से मूर्छित हुआ करता था, शवदाह कर उस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 54 Share Manisha Manjari 18 Jan 2025 · 1 min read मोहब्बत हीं तो आँखों को वीरानगी के नज़ारे दिखाती है, मोहब्बत हीं तो आँखों को वीरानगी के नज़ारे दिखाती है, इस ज़िंदगी से मासूमियत को कतरा-कतरा कर चुराती है। स्वछंद मैदानों के कोमल घास पर ये सपनों के ओस बरसाती... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 56 Share Manisha Manjari 10 Jan 2025 · 1 min read खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा, खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा, या अवसाद के दलदल में फंसा, अंदर के कोलाहल से भाग रहा। आँखों की तन्मयता से ईश्वरीय कृतियों को,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 2 87 Share Manisha Manjari 31 Dec 2024 · 1 min read रात रेत की तरह फिसलती हुई, सुबह की ओर बढ़ने लगी। रात रेत की तरह फिसलती हुई, सुबह की ओर बढ़ने लगी, जज्बातों की लपटें राख बनकर, ठंडी धरा पर बिखरने लगी। तेरे शहर में खामोशी थी, पर मेरी आहटें शोर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 1 131 Share Manisha Manjari 27 Nov 2024 · 1 min read क्षितिज पर उदित एक सहर तक, पाँवों को लेकर जाना है, क्षितिज पर उदित एक सहर तक, पाँवों को लेकर जाना है, भटकाव भरी गलियों में, भटक कर राहों को नयी पाना है। अन्धकार की तृष्णा में बेसुध हो पड़े थे,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 1 147 Share Manisha Manjari 25 Nov 2024 · 1 min read कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है। कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है, ठहरी हुई इस सुबह में कहीं, फिर से हुई कुछ आहट है। धड़कनों के धीमे शोर में, बातों की नयी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 115 Share Manisha Manjari 24 Nov 2024 · 1 min read I buried my head in the sky, drowned in the mist. I buried my head in the sky, drowned in the mist, Waiting on my hopes for life's fresh twist. I never knew the version of me I had missed, A... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 1 101 Share Manisha Manjari 19 Nov 2024 · 1 min read आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं। आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं, काँटों की राह पर चलकर, हम उम्र को खोते हैं। यूँ तो हर ईंट खुद को, मकान समझकर जीता है, पर वास्तव... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 107 Share Manisha Manjari 17 Nov 2024 · 1 min read धवल बर्फ की झीनी चादर पर धवल बर्फ की झीनी चादर पर, चांदनी का यूँ मुस्कुराना, सपनों में खोई झील की लय पर, चाँद का खुद उतर आना। मदहोशी में पत्तों को गिराकर, शाख का यूँ... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 179 Share Manisha Manjari 10 Nov 2024 · 1 min read कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना, कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना, ख़ामोशियों भरी जो तस्वीर है, उसे शब्दों से सजा देना। अधूरी ख़्वाहिशें जो, बेहोशी की चादर तले सोई हैं, नए कुछ... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 112 Share Manisha Manjari 9 Nov 2024 · 1 min read सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा। सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा, हर पल की खामोशी में फिर, बनकर तू याद सताएगा। वक्त जो संग बीता था, क्या फिर लौट... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 133 Share Manisha Manjari 24 Oct 2024 · 1 min read कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती . कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती, उन्हें तो बस नौकरी की तलाश में घर छोड़ जाना होता है, खामोशी की दुशाला ओढ़कर, अपनी किस्मत को आजमाना होता है। बचपन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 148 Share Manisha Manjari 23 Oct 2024 · 1 min read क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया। लाखों सवाल करता वो मौन, यूँ मौन में समा गया, कि जवाबओं की तलाश में, जीवंत वृक्ष का हर पत्ता मुरझा गया। संवेदनहीन हवाओं ने भी, अश्रुओं को गिरा दिया,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 100 Share Manisha Manjari 22 Oct 2024 · 1 min read आकांक्षाएं और नियति आकांक्षाओं के बिखरते बीज कहाँ, प्रतिफल की फ़सलें उगाते हैं, क्षितिज की अपनी हीं विवशताएँ हैं, वो नियति को आवश्यक बताते हैं। सिक्कों के चित्त-पट सी शत्रुता इनकी, एक माने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 90 Share Manisha Manjari 17 Oct 2024 · 1 min read एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में, एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में, और एक शाम ढल रही है, मेरे बेहोश दिल की पनाहों में। एक अधूरा चाँद बसा रहा उस,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 155 Share Manisha Manjari 4 Oct 2024 · 1 min read आसमां से गिरते सितारे का एक लम्हा मैंने भी चुराया है। आसमां से गिरते सितारे का, एक लम्हा मैंने भी चुराया है, एक दुआ की ख्वाहिश कर, बोझ को उसके बढ़ाया है। बादलों में बसे उस शहर में, एक दिन मैंने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 156 Share Manisha Manjari 27 Sep 2024 · 1 min read जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं, जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं, तेरी फ़िक्र जो रहती थी अंतर्मन में, रातें वैसी अब सताती नहीं। खुशबू बस्ती थी जिस कमरे में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 119 Share Manisha Manjari 26 Sep 2024 · 1 min read एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर, एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर, जो दिख जाऊं गलती से मैं, इस सच को तू स्वीकार ना कर। कुछ पत्ते शाखों से बिछड़ गए,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 143 Share Manisha Manjari 24 Sep 2024 · 1 min read यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना, यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना, कल्पनाओं के जंगल में फिर, मेरा खुद को बिखराना। निगाहों को मेरी, अपनी ख्वाहिशों से उलझाना, चाहतों का तस्वीर बन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 108 Share Manisha Manjari 23 Sep 2024 · 1 min read I met myself in a weed-flower field, I met myself in a weed-flower field, Where I no longer needed to wear any shield. My happiness and sorrows were fully revealed, And the scars no longer wished to... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 1 198 Share Manisha Manjari 23 Sep 2024 · 1 min read जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे, जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे, स्वार्थ की अपनी नैया को खूब सँवारे। जो पीड़ा हो स्व की तो, फूटते अश्रु के फव्वारे, और दूजे के घाव देख, लेते ये... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 123 Share Manisha Manjari 22 Sep 2024 · 1 min read कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा, पर किसे पता था कि वो बस ख़्वाहिशों का धुंआ होगा। आवाजें दी तूने जिन गलियों से, ना जाने कितनी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 110 Share Manisha Manjari 21 Sep 2024 · 1 min read लौट कर आने की अब होगी बात नहीं। लौट कर आने की अब होगी बात नहीं, तेरे शहर से अब मेरी, होगी मुलाक़ात नहीं। ख़्वाहिशें दिल के किसी कोने में साँसें तो लेंगी, पर उन्हें पूरा करने के,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 117 Share Manisha Manjari 20 Sep 2024 · 1 min read उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में। उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में, और कहता है सबको ना पड़ना कभी इन आफतों में। अनगिनत नामों से नवाजा गया है इसे तो रिवायतों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 113 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है। उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है, भावनाओं की जलती चादर ने, जलाकर जो भस्म बनाया है। ना अतीत का दुःख, ना भविष्य की चिंता, ऐसा... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 134 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender light, The stars, in quiet wonder, watched our souls ignite. The love you carried deep within took a sudden... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 1 182 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे। इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे, खामोश लम्हों में गूंजते हैं, जज्बातों के इकतारे। पलभर के लिए भी सोच, जो तुझसे रिहा होती है, आँखें नम होकर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 162 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है। ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है, यादों के बंद कमरों की, चाभियाँ ढूंढ लाती है। हवाएं मीठी ठंड की शिरकतों से, मोहब्बत जो जगाती है, वो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 106 Share Manisha Manjari 28 Aug 2024 · 1 min read इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे। इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे, क्षितिज के रंगों की रंगहीनता से खुद को रंगवाना है मुझे। यूँ तो होती है सुबह, हर गुजरते रात... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 108 Share Manisha Manjari 28 Aug 2024 · 1 min read फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में , फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में , बिखरे थे कभी आंसू, तेरे इंतज़ार में। सदियाँ बीती फिर कितनीं हीं, वक़्त के इम्तिहान में, और तमन्नाएँ बिखर गयी, एक... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 147 Share Manisha Manjari 23 Aug 2024 · 1 min read जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है। जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है, फैलता है जब अँधेरा घना, आँखें भी धोखा दे जाती हैं। जिन पथों पर कोई चला नहीं, अनजानी वही कहलाती... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 167 Share Manisha Manjari 22 Aug 2024 · 1 min read संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये। संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ की नाव बनाये, बहने दे मुझे छाँव में तेरे, एक छोटे गलियारे से कहता जाए। कभी बादलों का आभार जताये, कि सृजन में उसका... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 121 Share Manisha Manjari 18 Aug 2024 · 1 min read The darkness engulfed the night. The darkness engulfed the night, And the only train whistled into sight. The chilled wind brushing my cheeks felt like an invite— Should I take this lonely option or sit... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 116 Share Manisha Manjari 17 Aug 2024 · 1 min read हर तरफ़ घना अँधेरा है। हर तरफ़ घना अँधेरा है, ये कैसा नया सवेरा है, चीख़ों की नुमाईश है, और दरिंदगी का बसेरा है। बहारें हुई हैं शर्मिंदा, कि फूलों में खुशबू क्यों बिखेरा है,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 178 Share Manisha Manjari 15 Aug 2024 · 1 min read 'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है' लहराते इस तिरंगे के पास, ना जाने कितनी हीं कहानी है, लहू में लिपटे दीवानों के, कही-अनकही दास्तानों की ये निशानी है। आँखों में यूँ हीं तो नहीं, वतन के... Hindi · Indipendence Day · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 157 Share Manisha Manjari 11 Aug 2024 · 1 min read मेरे दर तक तूफां को जो आना था। तेरे घर में मौसम सुहाना था, मेरे दर तक तूफां को जो आना था, वहाँ ठंडी हवाओं का आशिकाना था, यहां तिनकों को भी बिखर जाना था। गुनगुनाती थी बारिशें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 120 Share Manisha Manjari 8 Aug 2024 · 1 min read गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे। गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे, कि बारिशों ने कभी छुआ हीं ना हो, सूखे पत्तों को जैसे। निशानियां बनायीं भीं थीं तो, सागर के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 170 Share Manisha Manjari 7 Aug 2024 · 1 min read फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था। फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था, लिबास अपनेपन का ओढ़कर, सीने में खंजर उतारा था। समंदर की हर लहर से लड़ना, कहाँ हमें गंवारा था, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 181 Share Manisha Manjari 1 Aug 2024 · 1 min read ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं। ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं, लहरें टकराती हैं मुझसे, पर सागर पास बुलाता नहीं। सूरज तो सजता है हर दिन क्षितिज पर, लेकिन अंधेरों से मेरे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 194 Share Manisha Manjari 28 Jul 2024 · 1 min read हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां। हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां, एक गम जाता नहीं कि, दूसरा तैयार होता यहां। उम्मीदें क्षणभंगुरता में लिपटकर, आती तो हैं, पर ठहरे कैसे कि, हर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 141 Share Manisha Manjari 24 Jul 2024 · 1 min read वैराग्य ने बाहों में अपनी मेरे लिए, दुनिया एक नयी सजाई थी। स्याह रात एक दिन, बारिश में लिपटकर आयी थी, मीलों तक फैले थे सन्नाटे, बस बूंदों की आवाजें सोये पत्तों से टकराई थी। खुशबू थी बौछारों की या, उपवन में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 194 Share Manisha Manjari 23 Jul 2024 · 1 min read जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये। जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये, जो भाव मन के मूक-बधिर हो जाए, तो क्षितिज पर घटा कैसे गहराए। जब संगीत जीवन का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 117 Share Manisha Manjari 17 Jul 2024 · 1 min read एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे। ये ज़िन्दगी जैसी दिखती है, क्या इसे कभी वैसा पाओगे, कुछ पहेलियों को सुलझाने में, तुम खुद हीं उलझ जाओगे। नज़ारे तो बिखरे पड़े हैं बहुत, पर तस्वीरों में किसे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 148 Share Page 1 Next