Seema katoch Tag: कविता 98 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Seema katoch 29 Jul 2021 · 1 min read हां और ना के बीच हां और ना के बीच अक्सर उलझ जाती हूं जब भी हो निर्णायक घड़ी बात कोई हो ज़िद पर अड़ी इधर चलूं या जाऊं उधर इसको पकडूं या छोड़ूं उसे... Hindi · कविता 6 5 340 Share Seema katoch 24 Jul 2021 · 1 min read ओ रे कवि ओ रे कवि कर तेज़ धार अपने हथियार की धधक रही ज्वाला लूट,हाहाकार की समय हुआ प्रचंड ,,, कर तैयारी तू अब वार की,,,, है तुझ पर मालिक का करम... Hindi · कविता 6 8 290 Share Seema katoch 6 May 2021 · 1 min read एक रात एक ख्वाब एक रात एक ख्वाब आया सजा कर सेहरा रंगने अपने रंग में सुनहरा सुनहरा,,, ले उड़ा संग वो आसमान में, पर था वहां, तो बादलों का पहरा,,, सपना टूटा ख्वाब... Hindi · कविता 4 2 277 Share Seema katoch 28 Apr 2021 · 1 min read हर कोई पूछता है ये कैसी हवा चली, हर कोई पूछता है क्यों ऐसी घड़ी आ पड़ी, हर कोई पूछता है।। हर शख्स है डरा सहमा सा यहां जाने क्या होगा अब, हर कोई... Hindi · कविता 2 2 340 Share Seema katoch 17 Apr 2021 · 1 min read शब्द तुम्हारा एक एक शब्द उग आया था जो कंटीली झाड़ियां बन ह्रदय की ज़मीन पर,, चुभने लगा था अब तन मन और जीवन में... उखाड़ फैंका है उन्हें आज दूर,... Hindi · कविता 2 2 364 Share Seema katoch 17 Apr 2021 · 1 min read तुम और मैं शाम का दामन थाम के बेकरार दिन चला रात का होने.... खत्म कर अपना वजूद चैन से सोने... Hindi · कविता 3 6 500 Share Seema katoch 6 Apr 2021 · 1 min read बचपन सारी उम्र गुजर जाती है पर कुछ लम्हे वहीं ठहर जाते हैं नानी की कहानियों में कुछ दादी के लाड़ में और कोई तो आम की टहनियों में बस लटके... Hindi · कविता 1 4 301 Share Seema katoch 26 Feb 2021 · 1 min read तुम और मैं हर उतार चढ़ाव में तुम्हारे साथ बहती राह के पत्थरों से भी झगड़ती,,, तेज़ नदी सी मैं तुम्हारे साथ साथ चलती पर तुम,,,,तुम जब पानी से बह निकलते हो कहीं... Hindi · कविता 2 6 591 Share Seema katoch 24 Feb 2021 · 1 min read तुम और मैं याद है तुम्हें जब बिना बात के लड़ती थी तुम... घंटों मेरी राह तकती थी तुम... और वो ... चांद तारों की बातें वो भीगी बरसातें... वो सब अनगिनत भीगी... Hindi · कविता 1 2 465 Share Seema katoch 29 Jan 2021 · 1 min read ज़िन्दगी रात को जलााकर, चूल्हा जलाया और हांडी फिर से चढ़ा दी तुमने.... आज क्या पका रही हो कुछ खास खिला रही हो कहीं फिर से वही तो नहीं... सुनो न....... Hindi · कविता 4 10 276 Share Seema katoch 29 Jan 2021 · 1 min read दिल तो बच्चा है कभी कभी दिमाग की भी सुन लिया करो बच्चों को ज्यादा सिर नहीं चढ़ाया करते... ©bunden Hindi · कविता 3 2 260 Share Seema katoch 28 Nov 2020 · 1 min read लकीर रख लूं... दुनिया से छुपाकर तेरी तस्वीर रख़ लूं हो इजाजत तो ये जागीर रख लूं इश्क़ का ही परचम है हर ओर सोचती हूं नाम अपना हीर रख लूं तेज धार... Hindi · कविता 6 10 390 Share Seema katoch 25 Sep 2020 · 1 min read रिश्ता समंदर कुछ यूं ज़िद पर अड़ा.... पाने को चांद दोनों बाहों को उठाए खड़ा.... भुला शायद चांद तो है सिर्फ आसमान के लिए।। Hindi · कविता 7 4 340 Share Seema katoch 24 Sep 2020 · 1 min read मत पूछिए मत पूछिए कि आजकल क्या क्या होता है बन्दूक किसी की तो कंधा किसी का होता है ज़रा बच के निकलना यहां की गलियों से सामने से ही नहीं यहां... Hindi · कविता 6 10 317 Share Seema katoch 19 Sep 2020 · 1 min read तुम और मैं****5 तुम्हारी याद हर बार यूं लहर बन आती है और मिटा जाती है मुझे, मेरे बजूद को... और छोड़ जाती है बस कुछ निशान अपने होने के।। Hindi · कविता 5 6 310 Share Seema katoch 19 Sep 2020 · 1 min read तुम और मैं***4 नहीं रखते हो इत्तफाक अगर तो कोई मशबरा भी दीजिए बैठे बैठे बस यूं ही तुम बातें न बनाया कीजिए.... बहुत आसान होता है बस यूं मुंह हिला देना बात... Hindi · कविता 5 4 503 Share Seema katoch 15 Aug 2020 · 1 min read आंसू जो रिसा दिल से धीमा धीमा कहां वो दिखा सीमा को तोड़ता दवा हुआ तूफान क्यों वो जो आंख से सूख गया तो भारी हुआ कैसी मनमानी बुझे जो वो... Hindi · कविता 9 4 387 Share Seema katoch 13 Aug 2020 · 1 min read प्यार ये प्यार सहेली मन भाए या है पहेली समझ न आए सोचूं बैठी अकेली ये प्यार सहारा निरंतर बहती धारा जपता मंतर हर सांस हमारा ये प्यार किनारा डोल रहा... Hindi · कविता 7 8 377 Share Seema katoch 10 Jul 2020 · 1 min read सब्र**** कितना भी ऊंचा कर ले कद्द ये दरख्त फैला लें चार दिशाओं में अपना जाल जब सूरज निकलेगा अंधेरा छंट जायेगा मामूली झरोखों से भी रोशनी ले आएगा बस तू... Hindi · कविता 8 10 311 Share Seema katoch 6 Jul 2020 · 1 min read चिठ्ठी जाने कहां खो गई वो नीली सी प्यारी सी चिट्ठी.... आज भी आता थैला उठाए डाकिया लेकिन... कभी फोन तो कभी थमाता बिजली का बिल... अब न होती पहले सी... Hindi · कविता 8 8 628 Share Seema katoch 5 Jul 2020 · 1 min read अनजान डगर मयूर सा नाच उठा है मन इक मनचाहा साथी पाकर उड़ रही हूं जैसे आसमान पर या हूं धरती पर ,कोई बताए आकर.... इंद्रधनुषी सपनों का संसार लिए दिल बेकल... Hindi · कविता 6 10 291 Share Seema katoch 2 Jul 2020 · 1 min read नया घर सुनो..... बहुत खुश नज़र आ रहे हो नए घर में जो जा रहे हो... पर ये क्या..... ये क्या क्या तुमने बांध लिया कैसा तुमने ये काम किया... वो जो... Hindi · कविता 8 12 626 Share Seema katoch 1 Jul 2020 · 1 min read मन की तहें*** मन की तहें उधेड़ फिर से सिलना चाहूं न जाने क्या क्या मैं लिखना चाहूं.... पर वो कहां लिख पाती हूं जो मैं लिखना चाहूं... अज्ञात भय के आवरण के... Hindi · कविता 8 7 384 Share Seema katoch 21 Jun 2020 · 1 min read तुम और मैं****3 चंचल यौवना चाहती थिरकना मन की करना खुल कर बरसना..... बरसात सी ....तुम और मैं,,,, मैं मेघ सा चाहता तुमको जकड़ना, कैद करना बस अपनी पकड़ में रखना..... लेकिन... आखिर... Hindi · कविता 10 7 484 Share Seema katoch 19 Jun 2020 · 1 min read तुम और मैं****2 इस कोने से उस कोने तक मेरे वजूद पर छाए तुम, आकाश सदृश.... और मैं .... मैं धरा सी तुमको तकती दूर से... देखती वहां दूर क्षितिज पर अपना मिलन...... Hindi · कविता 9 6 499 Share Seema katoch 18 Jun 2020 · 1 min read तुम और मैं***1 धुली - धुली, खिली - खिली निर्मल सी, पूनम की चांदनी तुम...... अपनी दोनों बाहों को फैलाए, हौले से मुस्कुराकर..... जब मुझे अपने पास बुलाती हो... तो मैं....समुद्र सा खुद... Hindi · कविता 7 6 500 Share Seema katoch 15 Jun 2020 · 1 min read हार जाया नहीं करते**** ज़िन्दगी के मसलों से हार जाया नहीं करते यूं खुद ही अपने कातिल कहलाया नहीं करते.... सब बुरे हैं माना, कोई तो अच्छा भी होगा यूं सबसे मुंह मोड़ के... Hindi · कविता 6 4 408 Share Seema katoch 14 Jun 2020 · 1 min read और कितना*** बाहर खड़े हो, जो शोर मचाए इतना भीतर आए तो जाने, है गहरा कितना... भूख और प्यास से, परेशां है जो सुने वो और झूठा अफसाना कितना... छत तक नहीं... Hindi · कविता 8 4 406 Share Seema katoch 12 Jun 2020 · 1 min read अब भी है*** एक नए सितम का इंतज़ार अब भी है जिस्म में देख मेरे, जान अब भी है दफना दिया यूं तो तमाम यादों को तेरी पर रूह पर, जख्म का निशान... Hindi · कविता 8 8 411 Share Seema katoch 8 Jun 2020 · 1 min read कहां था आसान चलते चलते देखो कहां आ पहुंची मैं, ये लम्बा सफर, और उस पर अनजान डगर... तुम बिन तय करना कहां था आसान....... घूंघट से बाहर निकलना अपने अस्तित्व की खातिर... Hindi · कविता 10 11 625 Share Seema katoch 5 Jun 2020 · 1 min read मुलाकात मुद्दत से आरज़ू थी इस एक मुलाक़ात की.... व्यां करने थे दिल के कई हाल, और कहनी थी मन की बात भी.... ये सवाल, वो सवाल ऐसे पूछेंगे, वैसे पूछेंगे... Hindi · कविता 6 10 371 Share Seema katoch 3 Jun 2020 · 1 min read हकदार तू उनसे जाके पूछ मेरा हाल - ए - किरदार.... मेरी खबर, मुझसे ज्यादा रखते हैं, मेरे हकदार..... Hindi · कविता 10 8 365 Share Seema katoch 2 Jun 2020 · 1 min read बहार देखते हैं कभी पानी तो कभी आग देखते हैं हम तेरी आंखों में एक रेगिस्तान देखते हैं..... भटक न जाएं इस भूल भुलैया में इसलिए बाहर से ही भीतर के तूफान देखते... Hindi · कविता 11 11 565 Share Seema katoch 2 Jun 2020 · 1 min read टीस कुछ यादों की टीस है बहुत गहरी कैसे बताओ, उन्हें भुलाया जाए.... खो गए थे शहरों की चकाचौंध में चलो गांव को फिर से बसाया जाए.... कब तक बैठे रहेंगे... Hindi · कविता 10 5 332 Share Seema katoch 1 Jun 2020 · 1 min read सपने धूप अच्छी है चलो सपने सुखाते हैं..... बन्द पड़े संदूक को आज बाहर लाते हैं..... Hindi · कविता 8 5 272 Share Seema katoch 31 May 2020 · 1 min read नकाब हवा के बदले रुख ने, हौले से हमको बता दिया.... पहचान लो सबको लो मैने नकाब हटा दिया....... Hindi · कविता 6 6 292 Share Seema katoch 30 May 2020 · 1 min read खुद पर एतबार रखिए चेहरे बदल घूमते हैं यहां लोग देखिए अपना मुखौटा भी आप साथ रखिए... दुश्मनों की तो जाहिर होती है जलन अपने दोस्तों पर एक निगाह रखिए... बढ़ा चढ़ा कर कहने... Hindi · कविता 7 8 388 Share Seema katoch 30 May 2020 · 1 min read वही जो.....???? वही जो…............ घर भर का सामान एक थैले में डाल आजकल सड़कों में डोल रहा लाचार और बेबस वही जो …............. औरों की तरह जहाज, ट्रेन न सही पैदल ही... Hindi · कविता 7 4 310 Share Seema katoch 28 May 2020 · 1 min read एक नई सड़क सदियों से चल रहे अब उखड़ने लगी, उड़ उड़ कर धूल आंखों में जाने लगी, मुंह पर गिरने लगी.... भाग रहे हैं सब और चलने के लिए वही सुस्त नियम,... Hindi · कविता 8 4 462 Share Seema katoch 27 May 2020 · 1 min read विलुप्त होती प्रजातियां सुना है.... कभी हुआ करते थे डायनासोर कई कई फीट ऊंचे, कोतुहालवश देख ली जुरेसिक पार्क भी.... बाघ भी सुना ख़तम हो रहे हैं संरक्षण को उनके कई कार्यक्रम चल... Hindi · कविता 6 4 348 Share Seema katoch 27 May 2020 · 1 min read कर्ज़ देख कर अपनी धन की पोटली आज, हुआ कुछ गुमान.... बैठ गई अकड़ के करने सबका हिसाब पर.... पर कैसे चुकाऊं ?? उन सांसों का ऋण जो ले रही हूं... Hindi · कविता 3 4 449 Share Seema katoch 26 May 2020 · 1 min read बरसात बादलों के आगोश में चपला हो रही व्यग्र है... लगता है इस बार जमकर बरसेगी बरसात.... Hindi · कविता 4 6 288 Share Seema katoch 26 May 2020 · 1 min read चुप मत रहना बेटी,बहन और माता हो अनगिनत वीर पुरुषों की तुम जन्मदाता हो, सृजनकर्ता हो हो देवतुल्या तुम... पर तुम्हारे होने पर जब प्रश्नचिन्ह लगने लगे, वजूद ही तुम्हारा अखरने लगे... तुम... Hindi · कविता 6 4 343 Share Seema katoch 26 May 2020 · 1 min read वक्त घड़ी की घूमती सुइयां हैं सिर्फ आभास... सूरज का आना और छुप जाना रात की गोद में.... है कहां ये वक्त ! ये क्रम तो जारी सृष्टि के उदगम से...... Hindi · कविता 6 4 398 Share Seema katoch 12 Apr 2020 · 1 min read कोई नहीं जानता कोई ये नहीं कह सकता की कब.... आपकी ज़िन्दगी में कोई आ जाए, और इतना महत्वपूर्ण हो जाए की हर वक़्त ज़हन में बस वही रहे... उसी की बातें, उसके... Hindi · कविता 4 12 283 Share Seema katoch 3 Apr 2020 · 1 min read क्या लिखूं सब लिख रहे हैं... सोचा मै भी लिखूं, पर समझ नहीं आ रहा क्या और किस पर लिखूं ??? क्या लिखूं उस देश पर ? जिसने पूरे विश्व को डाल... Hindi · कविता 3 4 493 Share Seema katoch 1 Apr 2020 · 1 min read तब मां याद आती है जब चोट गहरी लगती है तब मां याद आती है... कभी प्यार कभी दुलार तो कभी डांट से समझाती है..... दूर मत जाना, खो जाओगे गिर गए तो चोटिल हो... Hindi · कविता 4 4 268 Share Seema katoch 22 Mar 2020 · 1 min read मृगतृष्णा मरुस्थल में तपते रेत पर, इस छोर से उस छोर कुछ पाने की चाह में, बेतहाशा दौड़ रहे हैं सब दौड़ रहे हैं लेकिन मृगतृष्णा..... ऊंची डाल पर बैठे पंछी... Hindi · कविता 3 7 548 Share Seema katoch 22 Mar 2020 · 1 min read ओस सा मोह दिन के पीछे दवे पांव आती सांझ जब रात का राज्याभिषेक करती है... तब...तब सब कुछ सहम जाता है... अपने पद के मद में चूर, अंधेरा भय और आतंक का... Hindi · कविता 3 4 407 Share Seema katoch 16 Mar 2020 · 1 min read अच्छे थे**** हमें भगवान बना के, तुमने क्या सितम कर दिया अच्छे थे इंसान ही, क्यों पत्थर बना के रख दिया??? Hindi · कविता 3 4 268 Share Page 1 Next