Comments (6)
26 Feb 2021 10:12 AM
अतिसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति !
धन्यवाद !
हस्ती अपनी हबाब की सी है ,
ये नुमाइश सराब की सी है ,
चश्म-ए-दिल खोल इस भी आलम पर ,
याँ की औक़ात ख़्वाब की सी है ,
देखिए अब्र की तरह अब के ,
मेरी चश्म-ए-पुर-आब की सी है ,
श़ुक्रिया !
Seema katoch
Author
26 Feb 2021 10:36 AM
धन्यवाद जी
26 Feb 2021 07:36 AM
बहुत सुंदर, आप बहुत दिनों बाद पोस्ट कर रहीं हैं।आपकी लेखनी बहुत सुंदर सृजन करती है। कृपया नियमित रूप से लिखा कीजिए। आपको सादर नमस्कार।
Seema katoch
Author
26 Feb 2021 10:37 AM
धन्यवाद जी,,,, व्यस्तता के कारण शायद,,,,
बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी
Thanks ji