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16 Oct 2021 11:01 PM

विचारों में द्वंद तो चिंतन शील मनुष्य की बौद्धिक क्षमता का परिचायक है । तराजू के दो पल्ले या सिक्के के दो पहलू अवश्य होते हैं । मानस की विचार श्रंखला का सुंदर रूप में प्रतिपादन पंक्तियों में किया है। लकीर का फकीर बनने के अपेक्षा स्वयं नई लकीर बनाने का साहस किया है
सदा की तरह उत्तम यथार्थ परक प्रयास।
बधाई व शुभकामनाएं ।????

बहुत खूब वाह।

1 Aug 2021 07:17 PM

जी बहुत शुक्रिया

बहुत सुंदर आपको सादर नमस्कार

1 Aug 2021 07:16 PM

धन्यवाद जी

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