Comments (10)
6 Jun 2020 01:01 PM
सीधी सरल सच्ची सी कविता जो लगभग सभी के साथ घटित हुई कहानी है।जीवन के करोड़ों पलों में यह पल स्मृति में सदैव शाश्वत रहते हैं ,पर इनकी अभिव्यक्ति इतने सुन्दर प्रकार से करने के लिये सुगढ़ शिल्पी की कुशलता का होना एक वरदान है। पढ़ते पढ़ते ही दो व्यक्तियों के चुपचाप एक दूसरे से घण्टों बातें करने का दृश्य सजीव हो उठता है
बधाइयां एवम् शुभकामनाएं
Seema katoch
Author
6 Jun 2020 02:14 PM
Thankyou जी
6 Jun 2020 10:50 AM
कई गिले-शिक़वे और सवाल जज्ब़ किए उनके इंतज़ार में रहता हूं।
होंठ सिल जाते हैं, लफ़्ज़े इज़हार गुम़ हो जाते हैं जब मैं उन्हें मुजस्स़िम पाता हूं।
श़ुक्रिया !
Seema katoch
Author
6 Jun 2020 02:14 PM
Thankyou जी
5 Jun 2020 09:55 PM
महोदया आप बहुत अच्छा लिखती है।।
।।प्रणाम।।।
Seema katoch
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6 Jun 2020 08:16 AM
बहुत बहुत धन्यवाद जी
5 Jun 2020 09:52 PM
Nice. Congrulation Top Trending Author
Seema katoch
Author
6 Jun 2020 08:17 AM
Thank you ji
बहुत बढियां अभिव्यक्ति।
Thankyou ji