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वाह ,क्या कहने

1 Apr 2020 01:09 PM

Dhanyawad ji

23 Mar 2020 09:55 AM

मृग्तृष्णा ही जिजीविषा है,जीवन मे आगे बढ्ने की ललक है, जीवित रहने के लिये संसाधन जुटाने शरीर के सभी अंगो का प्रयोग।
पाठकों के साथ एक सुरीला संवाद ,जीवन पथ का समग्र दर्शन। हालांकि मैं आपकी तरह विद्वान नही पर मृग्तृष्णा के स्थान पर मृग मरीचिका ज्यादा उचित होता।
सादर अभिवादन

24 Mar 2020 10:07 PM

Ok ji,,, thanks

30 Mar 2020 09:15 PM

नई रचनाओं की प्रतीक्षा है।

जीवन संघर्ष को व्यक्त करती हुई सुंदर प्रस्तुति।

धन्यवाद !

22 Mar 2020 08:55 PM

Bahut bahut dhanyawad

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