Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (8)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

वाह क्या बात है।बधाई

3 Jun 2020 05:59 PM

Thankyou जी

बहुत खूब ़़़़़़़़़बधाई

3 Jun 2020 06:00 PM

Thankyou जी

3 Jun 2020 01:50 PM

बहुत खूब लाजवाब
समाज में दूसरों का जिक्र और फिक्र कुछ लोगों के मनोरंजन का साधन है, कुछ अपने मन की कलुषिता का प्रदर्शन इसी माध्यम से करते हैं ।परन्तु सह्रदय, संवेदनशील मानवों के द्वारा भी एक दूसरे का हाल,चाल व ख्याल रक्खा जाता है और समाज उन्ही से जीवित है।

इस ज़माने में कौन किसकी खबर रखता है ।
किस्मत वाले हैं जिनपर कोई नजर रखता है ।

3 Jun 2020 06:02 PM

बिल्कुल सही,,,,यही दुनिया है,,,शुक्रिया जी

हृदय की बात कह दी आपने महोदया जी ??

3 Jun 2020 06:03 PM

शुक्रिया जी

Loading...