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24 Sep 2020 · 1 min read

मत पूछिए

मत पूछिए कि आजकल क्या क्या होता है
बन्दूक किसी की तो कंधा किसी का होता है

ज़रा बच के निकलना यहां की गलियों से
सामने से ही नहीं यहां छुप के भी वार होता है

जो पीटता ढिंढोरा सच्चाई का अक्सर
वही तो झूठों का सरदार होता है

तू क्यों है आखिर इस कदर गमगीन
यहां उगते सूरज को ही सलाम होता है

कुछ तो छोड़ दे उस के रहम पर तू
हर बात पर कहां अपना अख्तियार होता है

Language: Hindi
6 Likes · 10 Comments · 316 Views
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