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Comments (8)

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बहुत सुंदर, आपको सादर अभिवादन

14 Aug 2020 09:39 PM

Thanks ji

सुंदर प्रस्तुति।

धन्यवाद !

14 Aug 2020 09:39 PM

Thanks sir

13 Aug 2020 11:21 PM

ये
क्या
माया
जाल है
कविता है
या इंद्रजाल है

नये रूप में कविता का श्रंगार देख मंत्र मुग्ध
सादर नमन

14 Aug 2020 11:48 PM

ये
पंक्ति
कान की
झालर सी
या बारिश की
तिरछी बौछार
सी भिगो गई मन

या
फिर
तिरछे
नयनो से
शब्दों का वार
हृदय के पार
नव विधा प्रसार

यूँ
तुम
अपनी
प्रतिभा से
अचंभित तो
करती हो कई
बार ही लगातार

ये
कैसे
इतने
प्यारे से
प्रकार से
प्यार शब्द को
पंक्तिबद्ध कर
प्रदर्शित करा है

काव्य से मोहक चित्र बनाने की कला का तो ईश्वरीय वरदान तो था ही पर शब्दों के विन्यास से प्रेम के आरोह का चित्र खींचना एक अद्भुत अनुभूति है
प्रतिक्षा सार्थक हुई अद्वितीय कृति के सृजन का साक्षी होकर। अभी औऱ नए नए आयामों से परिचय होगा ऐसा विश्वास है
बहुत बहुत बधाई

15 Aug 2020 03:39 PM

बहुत बढ़िया

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