Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2020 · 1 min read

अनजान डगर

मयूर सा नाच उठा है मन
इक मनचाहा साथी पाकर
उड़ रही हूं जैसे आसमान पर
या हूं धरती पर ,कोई बताए आकर….

इंद्रधनुषी सपनों का संसार लिए
दिल बेकल है इक नई आस लिए
साथ चलना है, उड़ना है
मिल कर तय करना है
मीलों के सफर….

लेकिन
क्या इतना सरल है
उखड़कर दूसरी जगह बस जाना??
अन्तर्द्वन्द में उलझी
दिल में कई सवाल लिए
चल पड़ी हूं, वहां
जो है अनजान डगर

क्या मेरी दशा भी है
उस नन्हे पौधे सी??
जिसे कहीं और रोपा जाएगा
किसी और को सौंपा जाएगा
मुरझा जाएगा या होगा चेतन
कैसा है ये असमंजस?
कैसा ये आकर्षण?

मिलेगी जब पर्याप्त धूप
तो खिलेगा रंग रूप
कम भी मिलेंगे यदि
खाद पानी
फिर भी रचेगा ये
अद्भुत कहानी…

मिट रही हैं उलझनें
छंट रही हैं बदलियां
तैयार हूं चलने को, उस पर
जो है अनजान डगर…

Language: Hindi
6 Likes · 10 Comments · 290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
shabina. Naaz
नजरअंदाज करने के
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
गलतियां
गलतियां
Dr Parveen Thakur
चेतावनी हिमालय की
चेतावनी हिमालय की
Dr.Pratibha Prakash
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
"हर दिन कुछ नया सीखें ,
Mukul Koushik
नवजात बहू (लघुकथा)
नवजात बहू (लघुकथा)
दुष्यन्त 'बाबा'
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
वो मेरी कविता
वो मेरी कविता
Dr.Priya Soni Khare
"सियासत का सेंसेक्स"
*Author प्रणय प्रभात*
शिव-शक्ति लास्य
शिव-शक्ति लास्य
ऋचा पाठक पंत
क्या कहें?
क्या कहें?
Srishty Bansal
बीते कल की क्या कहें,
बीते कल की क्या कहें,
sushil sarna
न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन का मकसद क्या है?
जीवन का मकसद क्या है?
Buddha Prakash
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
manjula chauhan
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
डॉ. दीपक मेवाती
💐प्रेम कौतुक-522💐
💐प्रेम कौतुक-522💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
डर से अपराधी नहीं,
डर से अपराधी नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सीमा प्रहरी
सीमा प्रहरी
लक्ष्मी सिंह
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
2694.*पूर्णिका*
2694.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
Shubham Pandey (S P)
यह दुनिया है जनाब
यह दुनिया है जनाब
Naushaba Suriya
"इच्छा"
Dr. Kishan tandon kranti
खुद से खुद को
खुद से खुद को
Dr fauzia Naseem shad
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जय श्री राम
जय श्री राम
goutam shaw
Loading...