Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2020 · 1 min read

चुप मत रहना

बेटी,बहन और माता हो
अनगिनत वीर पुरुषों की
तुम जन्मदाता हो,
सृजनकर्ता हो
हो देवतुल्या तुम…
पर तुम्हारे होने पर
जब प्रश्नचिन्ह लगने लगे,
वजूद ही तुम्हारा अखरने लगे…
तुम प्रतिकार करना
चुप मत रहना…..
त्याग और सहनशीलता की
माना प्रतिमूर्त हो तुम…
और अलंकृत हो
लाज ,शर्म से…
पर धीरज तुम्हारा
जब खोने लगे,
और ये श्रृंगार
बोझ लगने लगे…
तुम प्रतिरक्षा करना
चुप मत रहना….
विधाता की श्रेष्ठ रचना
अनुपम कृति ,
अमूल्य उपहार हो तुम,
पर तुम पर अगर वार हो
और होने लगे अत्याचार…
तुम प्रतियुध करना
चुप मत रहना….

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
कुछ चंद लोंगो ने कहा है कि
कुछ चंद लोंगो ने कहा है कि
सुनील कुमार
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
मन की आंखें
मन की आंखें
Mahender Singh
नींद कि नजर
नींद कि नजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
If you do things the same way you've always done them, you'l
If you do things the same way you've always done them, you'l
Vipin Singh
(11) मैं प्रपात महा जल का !
(11) मैं प्रपात महा जल का !
Kishore Nigam
मजदूर
मजदूर
umesh mehra
पास नहीं
पास नहीं
Pratibha Pandey
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
छिपकली
छिपकली
Dr Archana Gupta
*गाओ  सब  जन  भारती , भारत जिंदाबाद   भारती*   *(कुंडलिया)*
*गाओ सब जन भारती , भारत जिंदाबाद भारती* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लिख / MUSAFIR BAITHA
लिख / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
वर्तमान में जो जिये,
वर्तमान में जो जिये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चाय की दुकान पर
चाय की दुकान पर
gurudeenverma198
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज
कवि रमेशराज
जोमाटो वाले अंकल
जोमाटो वाले अंकल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"तफ्तीश"
Dr. Kishan tandon kranti
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
2565.पूर्णिका
2565.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
#व्यंग्य_कविता :-
#व्यंग्य_कविता :-
*Author प्रणय प्रभात*
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
Chandra Kanta Shaw
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
गुरुदेव आपका अभिनन्दन
Pooja Singh
Loading...