Comments (4)
30 May 2020 11:43 AM
आज के स्थिति का सुन्दर व्याख्यान ।।
आपको नमन।
Seema katoch
Author
30 May 2020 02:22 PM
Thankyou जी
समाज के वन्चित एवम शोषित वर्ग के प्रति संवेदनशीलता, साहित्य का प्रमुख उद्देश्य है ।इन्सानों की सपरिवार कष्टदायी लम्बी यात्राओं के दृश्य ने ह्रदयों को झझकोर दिया है, उन की भावनाओं को बड़े ही सुन्दर रूप से कविता में प्रस्तुत किया है।
अन्त में मार्मिक प्रश्न से समाज की आत्मा को उनकी इस त्रासदी में सहभागिता न प्रदर्शित करने के लिये दर्पण दिखाया है जिसका कोई उत्तर नहीं है
है तो आदमी
फिर क्यों उसे
आदमी नहीं बुलाया
जा रहा ll
एक जागरूक नागरिक तथा भावुक ह्रदय के उदगारों से अप्रतिम रचना का जन्म हुआ है जो पाठकों के ह्रदय में अपनी छाप छोड़ता है।
बहुत बहुत साधुवाद ।
Bahut bahut dhanyawad